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एक कोर कृपा की करदो स्वामिनी श्री
दासी की झोली भर दो लाडली श्री राधे॥
श्री राधा हमारी गोरी गोरी, के नवल
यो तो कालो नहीं है मतवारो, जगत उज्य
रंगीलो राधावल्लभ लाल, जै जै जै श्री
विहरत संग लाडली बाल, जै जै जै श्री
राधा ढूंढ रही किसी ने मेरा श्याम देखा
श्याम देखा घनश्याम देखा
ऐसी होली तोहे खिलाऊँ
दूध छटी को याद दिलाऊँ
कान्हा की दीवानी बन जाउंगी,
दीवानी बन जाउंगी मस्तानी बन जाउंगी,
मेरे जीवन की जुड़ गयी डोर, किशोरी तेरे
किशोरी तेरे चरणन में, महारानी तेरे
फूलों में सज रहे हैं, श्री वृन्दावन
और संग में सज रही है वृषभानु की
राधिका गोरी से ब्रिज की छोरी से ,
मैया करादे मेरो ब्याह,
कोई पकड़ के मेरा हाथ रे,
मोहे वृन्दावन पहुंच देओ ।
सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया
दिल दीवाना हो गया, दिल दीवाना हो गया ॥
तेरा पल पल बिता जाए रे
मुख से जप ले नमः शवाए
सांवरे से मिलने का, सत्संग ही बहाना है,
चलो सत्संग में चलें, हमें हरी गुण गाना
अपने दिल का दरवाजा हम खोल के सोते है
सपने में आ जाना मईया,ये बोल के सोते है
तू कितनी अच्ची है, तू कितनी भोली है,
ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ ।
श्यामा प्यारी मेरे साथ हैं,
फिर डरने की क्या बात है
बृज के नंदलाला राधा के सांवरिया,
सभी दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया।
रंग डालो ना बीच बाजार
श्याम मैं तो मर जाऊंगी
गोवर्धन वासी सांवरे, गोवर्धन वासी
तुम बिन रह्यो न जाय, गोवर्धन वासी
तेरे दर की भीख से है,
मेरा आज तक गुज़ारा
हे राम, हे राम, हे राम, हे राम
जग में साचे तेरो नाम । हे राम...
तमन्ना यही है के उड के बरसाने आयुं मैं
आके बरसाने में तेरे दिल की हसरतो को
अपनी वाणी में अमृत घोल
अपनी वाणी में अमृत घोल
दिल की हर धड़कन से तेरा नाम निकलता है
तेरे दर्शन को मोहन तेरा दास तरसता है
एक दिन वो भोले भंडारी बन कर के ब्रिज की
पारवती भी मना कर ना माने त्रिपुरारी,
आज बृज में होली रे रसिया।
होरी रे रसिया, बरजोरी रे रसिया॥
प्रभु मेरे अवगुण चित ना धरो
समदर्शी प्रभु नाम तिहारो, चाहो तो पार
मैं तो तुम संग होरी खेलूंगी, मैं तो तुम
वा वा रे रासिया, वा वा रे छैला
तू राधे राधे गा ,
तोहे मिल जाएं सांवरियामिल जाएं
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से
गोविन्द नाम लेकर, फिर प्राण तन से

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मैं तो हो गई दीवानी तेरे नाम की,
तेरा पाने शेरांवालीये दीदार आ गई,
माँ रतनो दिया लाडलिया, हो,
मुड़ के घर छेती आ, ओ जोगिया,
जो मुसीबत का मारा श्याम ने सभी को तारा,
जो मुसीबत का मारा श्याम ने सभी को
क्या बतलाऊँ कितना मुझे सताती है,
तेरी याद कन्हैया बड़ा रुलाती है,
गणपती जी तुम्हारे चरणों में,
हम मिलकर शीश झुकाते है