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चली धर सर मटकिया दही वाली,
दही वाली रे माखन वाली,

चली धर सर मटकिया दही वाली,
दही वाली रे माखन वाली,
चली धर सर मटकिया दही वाली...


ग्वालन जब घर से चली कर सोलह सिंगार,
नैनो में कजरा लगाया गले में पहना हार,
ओढ़े लाल चुनरिया जरी वाली,
चली धर सर मटकिया...

सिर पर गगरी धरन लगी चुनरी लई सवार,
जल्दी जल्दी चलने लगी सब सखियों के साथ,
वहां मिल गए सांवरिया वो गिरधारी,
चली धर सर मटकिया...

रुको जरा ठाडी रहो सुनो हमारी बात,
इतना क्यों घबरा रही हम लगते रिश्तेदार,
तुम लगती हमारी छोटी साली,
चली धर सर मटकिया...

इतने में घनश्याम ने मटकी लई उतार,
थोड़ा वालों को दिया और बाकी लिया बचाए,
आप पी गए मटकिया दही वाली,
चली धर सर मटकिया...

ग्वाल बाल सब मिलजुल के करने लगे विचार,
कैसा है यह लाडला नटवर नंद कुमार,
चलो अपनी बना लो अलग टोली,
चली धर सर मटकिया...

चली धर सर मटकिया दही वाली,
दही वाली रे माखन वाली,
चली धर सर मटकिया दही वाली...




chali dhar sar matakiya dahi vaali,
dahi vaali re maakhan vaali,

chali dhar sar matakiya dahi vaali,
dahi vaali re maakhan vaali,
chali dhar sar matakiya dahi vaali...


gvaalan jab ghar se chali kar solah singaar,
naino me kajara lagaaya gale me pahana haar,
odahe laal chunariya jari vaali,
chali dhar sar matakiyaa...

sir par gagari dharan lagi chunari li savaar,
jaldi jaldi chalane lagi sab skhiyon ke saath,
vahaan mil ge saanvariya vo girdhaari,
chali dhar sar matakiyaa...

ruko jara thaadi raho suno hamaari baat,
itana kyon ghabara rahi ham lagate rishtedaar,
tum lagati hamaari chhoti saali,
chali dhar sar matakiyaa...

itane me ghanashyaam ne mataki li utaar,
thoda vaalon ko diya aur baaki liya bchaae,
aap pi ge matakiya dahi vaali,
chali dhar sar matakiyaa...

gvaal baal sab milajul ke karane lage vichaar,
kaisa hai yah laadala natavar nand kumaar,
chalo apani bana lo alag toli,
chali dhar sar matakiyaa...

chali dhar sar matakiya dahi vaali,
dahi vaali re maakhan vaali,
chali dhar sar matakiya dahi vaali...








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