सुनी उड़े बात नई कीर्तन में,
सुनी उड़े बात नई कीर्तन में...
बाबा का दरबार लगा था,
देसी घी का दिया जला था,
सबने महक लायी री कीर्तन में,
सुनी उड़े बात नई कीर्तन में,
सुनी उड़े बात नई कीर्तन में...
जय बजरंग की सारे बोले,
देख सवारका नार ना बोले,
जय जय गूँज रही कीर्तन में,
सुनी उड़े बात नई कीर्तन में,
सुनी उड़े बात नई कीर्तन में...
जब उन्हें अर्जी लगावैं लागे,
अपना रोग लगावैं लागे,
बाबा को दी अर्जी अपन ने,
सुनी उड़े बात नई कीर्तन में,
सुनी उड़े बात नई कीर्तन में...
सुनी उड़े बात नई कीर्तन में,
सुनी उड़े बात नई कीर्तन में...
suni ude baat ni keertan me,
suni ude baat ni keertan me...
baaba ka darabaar laga tha,
desi ghi ka diya jala tha,
sabane mahak laayi ri keertan me,
suni ude baat ni keertan me,
suni ude baat ni keertan me...
jay bajarang ki saare bole,
dekh savaaraka naar na bole,
jay jay goonj rahi keertan me,
suni ude baat ni keertan me,
suni ude baat ni keertan me...
jab unhen arji lagaavain laage,
apana rog lagaavain laage,
baaba ko di arji apan ne,
suni ude baat ni keertan me,
suni ude baat ni keertan me...
suni ude baat ni keertan me,
suni ude baat ni keertan me...