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हरि तुम हरो जन की भीर।
द्रोपदी की लाज राखी, तुम बढ़ायो चीर॥

हरि तुम हरो जन की भीर।
द्रोपदी की लाज राखी, तुम बढ़ायो चीर॥
हरि तुम हरो जन की भीर...

भगत कारण रूप नरहरि धर्‌यो आप शरीर॥
हिरण्यकश्यप मारि लीन्हो धर्‌यो नाहिन धीर॥
हरि तुम हरो जन की भीर...

बूड़तो गजराज राख्यो कियौ बाहर नीर॥
दासी मीरा लाल गिरधर चरणकंवल सीर॥

हरि तुम हरो जन की भीर।
द्रोपदी की लाज राखी, तुम बढ़ायो चीर॥



hari tum haro jan ki bheer.
dropadi ki laaj raakhi, tum badahaayo cheer..

hari tum haro jan ki bheer.
dropadi ki laaj raakhi, tum badahaayo cheer..
hari tum haro jan ki bheer...

bhagat kaaran roop narahari dharyo aap shareer..
hiranyakashyap maari leenho dharyo naahin dheer..
hari tum haro jan ki bheer...

boodato gajaraaj raakhyo kiyau baahar neer..
daasi meera laal girdhar charanakanval seer..

hari tum haro jan ki bheer.
dropadi ki laaj raakhi, tum badahaayo cheer..







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