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ऎसी म्हारी प्रीत निभावज्यो जी

प्रीत करे तो ऐसी कीजै, जैसे लोटा डोर,
गला फँसाये आपना, पानी पिए कोई और।
प्रीत करे तो ऐसी मत कीजे, जैसे झाड़ी बोर,
ऊपर लाली प्रेम की, अंतर् पड़ी कठोर।
प्रीत करे तो ऐसी कीजे, जैसे रुई कपास,
जीते जी तो तन को ढके, मरे तो मरघट जाय।

ऎसी म्हारी प्रीत निभावज्यो जी,
निर्धन का ओ राम,
ऐसी म्हारीं प्रीत निभावज्यो,
दुर्बल का हो राम,
भव सागर में भूलो मति।

तम तो झरखट हम बेलड़ी,
रवांगा तम से लिपटाय,
तम तो झरखट हम बेलड़ी,
रवांगा तम से लिपटाय,
तम तो ढल ढोले हम सुखी जावां,
म्हारा काई हो हवाल,
ऐसी म्हारीं प्रीत निभावज्यो,
दुर्बल का हो राम,
भव सागर में भूलो मति।

हां, तम तो बादल हम मोरिया,
रवांगा इन बण माय,
तम तो गरजो ने हम बोलिया,
म्हारा काई हो हवाल,
ऐसी म्हारीं प्रीत निभावज्यो,
दुर्बल का हो राम,
भव सागर में भूलो मति।

हां, तम तो समदर हम माछली,
रवांगा तमरो ही माय, हम मरी जावां,
तम तो सुखो ने हम मरी जांवा,
म्हारा काई हो हवाल,
ऐसी म्हारीं प्रीत निभावज्यो,
दुर्बल का हो राम,
भव सागर में भूलो मति।

हां, कहे हो कबीर धर्मदास से,
सुण लो चित्त मन लाय,
हां, कहे हो कबीर धर्मदास से,
सुण लो चित्त मन लाय,
गावे बजावे सुण सांभड़े,
हंसा सतलोक जावे,
ऐसी म्हारीं प्रीत निभावज्यो,



aisi mahari preet nibhavjayo ji

preet kare to aisi keejai, jaise lota dor,
gala phansaaye aapana, paani pie koi aur
preet kare to aisi mat keeje, jaise jhaadi bor,
oopar laali prem ki, antar padi kthor
preet kare to aisi keeje, jaise rui kapaas,
jeete ji to tan ko dhake, mare to marghat jaay


si mhaari preet nibhaavajyo ji,
nirdhan ka o ram,
aisi mhaareen preet nibhaavajyo,
durbal ka ho ram,
bhav saagar me bhoolo mati

tam to jharkhat ham beladi,
ravaanga tam se lipataay,
tam to jharkhat ham beladi,
ravaanga tam se lipataay,
tam to dhal dhole ham sukhi jaavaan,
mhaara kaai ho havaal,
aisi mhaareen preet nibhaavajyo,
durbal ka ho ram,
bhav saagar me bhoolo mati

haan, tam to baadal ham moriya,
ravaanga in ban maay,
tam to garajo ne ham boliya,
mhaara kaai ho havaal,
aisi mhaareen preet nibhaavajyo,
durbal ka ho ram,
bhav saagar me bhoolo mati

haan, tam to samadar ham maachhali,
ravaanga tamaro hi maay, ham mari jaavaan,
tam to sukho ne ham mari jaanva,
mhaara kaai ho havaal,
aisi mhaareen preet nibhaavajyo,
durbal ka ho ram,
bhav saagar me bhoolo mati

haan, kahe ho kabeer dharmadaas se,
sun lo chitt man laay,
haan, kahe ho kabeer dharmadaas se,
sun lo chitt man laay,
gaave bajaave sun saanbhade,
hansa satalok jaave,
aisi mhaareen preet nibhaavajyo

preet kare to aisi keejai, jaise lota dor,
gala phansaaye aapana, paani pie koi aur
preet kare to aisi mat keeje, jaise jhaadi bor,
oopar laali prem ki, antar padi kthor
preet kare to aisi keeje, jaise rui kapaas,
jeete ji to tan ko dhake, mare to marghat jaay




aisi mahari preet nibhavjayo ji Lyrics





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