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गीता में भी यही लिखा है, यही है वेद पुराण में
क्यों भगवान को दर दर ढूंढे, वो है हर इंसान में

गीता में भी यही लिखा है, यही है वेद पुराण में
क्यों भगवान को दर दर ढूंढे, वो है हर इंसान में

धरती के कण कण में वो है, पर तु देख न पाता है
धन दौलत के चक्कर मे क्यों, अपना वक़्त गंवाता है
वो ही शमाया सारे रे जगत में, निर्धन ओर धनवान में॥ क्यों भगवान को

अपने बल पर क्यों इतराता , बनता है बलशाली क्यों
काहे गरब दिखाता पगले, छाई है मतवाली क्यों
सबमे उनका नूर है प्यारे , निर्बल ओर बलवान में॥ क्यों भगवान को

वो ही बनाये वो ही मिटाये, तेरे बस की बात है क्या
तुझमे ही भाई उसकी माया, फिर तेरी ओकात है क्या
उसकी माया सबमे नाचे, साधु ओर शैतान में॥ क्यो भगवान को

कर्म करो शुभ कर्म करो , इतिहास सभी ये कहते है
कर्म करे जो जैसा प्यारे, वैसा ही फल पाते है
कहे गोपाल खेल कर्मो का, रावण ओर हनुमान में।। क्यों भगवान को

अजय जांगिड़ खूड़



geeta me bhi yahi likha hai

geeta me bhi yahi likha hai, yahi hai ved puraan me
kyon bhagavaan ko dar dar dhoondhe, vo hai har insaan me


dharati ke kan kan me vo hai, par tu dekh n paata hai
dhan daulat ke chakkar me kyon, apana vakat ganvaata hai
vo hi shamaaya saare re jagat me, nirdhan or dhanavaan me.. kyon bhagavaan ko

apane bal par kyon itaraata , banata hai balshaali kyon
kaahe garab dikhaata pagale, chhaai hai matavaali kyon
sabame unaka noor hai pyaare , nirbal or balavaan me.. kyon bhagavaan ko

vo hi banaaye vo hi mitaaye, tere bas ki baat hai kyaa
tujhame hi bhaai usaki maaya, phir teri okaat hai kyaa
usaki maaya sabame naache, saadhu or shaitaan me.. kyo bhagavaan ko

karm karo shubh karm karo , itihaas sbhi ye kahate hai
karm kare jo jaisa pyaare, vaisa hi phal paate hai
kahe gopaal khel karmo ka, raavan or hanuman me kyon bhagavaan ko

geeta me bhi yahi likha hai, yahi hai ved puraan me
kyon bhagavaan ko dar dar dhoondhe, vo hai har insaan me




geeta me bhi yahi likha hai Lyrics





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