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हाज़री लिखवाता हूँ हर ग्यारस में,
मिलती है तन्खा मुझे बारश में,

हाज़री लिखवाता हूँ हर ग्यारस में,
मिलती है तन्खा मुझे बारश में,

दो दिन के बदले में तीस दिनों तक मौज करू,
अपने ठाकुर की सेवा भजनो से रोज करू,
रहता है तू सदा भक्तो के वश में,
हाज़री लिखवाता हूँ हर ग्यारस में,

दो आंसू जब बह जाते है चरणों में तेरे,
करता है घर की रखवाली जा कर तू घर मेरे,
झूठी ना खता हु दर पे मैं कस्मे,
हाज़री लिखवाता हूँ हर ग्यारस में

दुनिया की हर मौजे छूटे ग्यारस न छूटे,
श्याम के संग हर बार तेरे दर की मस्ती लुटे,
मिल गया तू मुझे भजनो के रस्मे,
हाज़री लिखवाता हूँ हर ग्यारस में



hazari likhwata hu har gyaras me milti hai tankha mujhe baras me

haazari likhavaata hoon har gyaaras me,
milati hai tankha mujhe baarsh me


do din ke badale me tees dinon tak mauj karoo,
apane thaakur ki seva bhajano se roj karoo,
rahata hai too sada bhakto ke vsh me,
haazari likhavaata hoon har gyaaras me

do aansoo jab bah jaate hai charanon me tere,
karata hai ghar ki rkhavaali ja kar too ghar mere,
jhoothi na khata hu dar pe mainkasme,
haazari likhavaata hoon har gyaaras me

duniya ki har mauje chhoote gyaaras n chhoote,
shyaam ke sang har baar tere dar ki masti lute,
mil gaya too mujhe bhajano ke rasme,
haazari likhavaata hoon har gyaaras me

haazari likhavaata hoon har gyaaras me,
milati hai tankha mujhe baarsh me




hazari likhwata hu har gyaras me milti hai tankha mujhe baras me Lyrics





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