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हे श्याम तेरी बंसी क्या रस बरसाती है,
मेरे श्याम तेरी बंसी क्या रस बरसाती है,

हे श्याम तेरी बंसी क्या रस बरसाती है,
मेरे श्याम तेरी बंसी क्या रस बरसाती है,
हे श्याम तेरी बंसी क्या रस बरसाती है,
मुस्कान तेरी कान्हा दिल में बस जाती है,
हे श्याम तेरी बंसी क्या रस बरसाती है,

सोने की होने पर क्या होता है केशव,
ये बांस की होने पर मीठी धुन सुनाती है,
हे श्याम तेरी बंसी क्या रस बरसाती है,

गोर जो होते तो क्या होता है मोहन,
सावल होने पर भी छवि मन बस जाती है,
मेरे श्याम तेरी बंसी क्या रस बरसाती है,

जीवन में दर्द सेहना बंसी ने सिखाया है,
सीने पर छेद फिर भी मुश्कान लुटाती है,
हे श्याम तेरी बंसी क्या रस बरसाती है,

गीता का ज्ञान कृष्णा तुमने ही सिखाया है,
कर्म करने की ये सीख दुनिया को चलाती है,
हे श्याम तेरी बंसी क्या रस बरसाती है,



he shyam teri bansi kya ras barsati hai

he shyaam teri bansi kya ras barasaati hai,
mere shyaam teri bansi kya ras barasaati hai,
he shyaam teri bansi kya ras barasaati hai,
muskaan teri kaanha dil me bas jaati hai,
he shyaam teri bansi kya ras barasaati hai


sone ki hone par kya hota hai keshav,
ye baans ki hone par meethi dhun sunaati hai,
he shyaam teri bansi kya ras barasaati hai

gor jo hote to kya hota hai mohan,
saaval hone par bhi chhavi man bas jaati hai,
mere shyaam teri bansi kya ras barasaati hai

jeevan me dard sehana bansi ne sikhaaya hai,
seene par chhed phir bhi mushkaan lutaati hai,
he shyaam teri bansi kya ras barasaati hai

geeta ka gyaan krishna tumane hi sikhaaya hai,
karm karane ki ye seekh duniya ko chalaati hai,
he shyaam teri bansi kya ras barasaati hai

he shyaam teri bansi kya ras barasaati hai,
mere shyaam teri bansi kya ras barasaati hai,
he shyaam teri bansi kya ras barasaati hai,
muskaan teri kaanha dil me bas jaati hai,
he shyaam teri bansi kya ras barasaati hai




he shyam teri bansi kya ras barsati hai Lyrics





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