Download Bhajan as .txt File Download Bhajan as IMAGE File

कलयुग में एक बार कन्हैया ग्वाले बन कर आओ

तर्ज- कसमें वादे प्यार वफ़ा सब,

कलयुग में एक बार कन्हैया ग्वाले बन कर आओ रे,
आज पुकार करे तेरी गइयाँ आके कंठ लगाओ रे,
कलयुग में एक बार कन्हैया

जिसको मैंने दूध पिलाया वोही मुझे सताते है,
चीर फाड़ कर मेरे बेटे मेरे मॉस को खाते है,
अपनों की अभिशाप से मुझको आके आज बचाओ रे,
कलयुग में एक बार कन्हैया......

काहे हम को मुक बनाया  घुट घुट कर यु मरने को,
उसपर हाथ दिये न तूने  अपनी रक्षा करने को,
भटक गई संतान हमारी रस्ता आज दिखाओ रे,
कलयुग में एक बार कन्हैया.....

चाबुक से जब पीटी जाऊ हाय हाय चिल्लाती मैं
उबला पानी तन पर फेंके। सहन नही कर पाती मैं
बिना काल मै तिल तिल मरती करुणा जरा दिखाओ रे
कलयुग में एकबार कन्हैया.....

एक तरफ तो बछड़े मेरे  अन धन को उपजाते है,
उसी अन्न को खाने वाले  मेरा वध करवाते है,
हर्ष जरा तुमआके वध पे आके रोक लगाओ रे,
कलयुग में एक बार कन्हैया....

हेमकान्त झा प्यासा।



kalyug me ek baar kanhiya gwale ban kar aao

kalayug me ek baar kanhaiya gvaale ban kar aao re,
aaj pukaar kare teri giyaan aake kanth lagaao re,
kalayug me ek baar kanhaiyaa


jisako mainne doodh pilaaya vohi mujhe sataate hai,
cheer phaad kar mere bete mere ms ko khaate hai,
apanon ki abhishaap se mujhako aake aaj bchaao re,
kalayug me ek baar kanhaiyaa...

kaahe ham ko muk banaaya  ghut ghut kar yu marane ko,
usapar haath diye n toone  apani raksha karane ko,
bhatak gi santaan hamaari rasta aaj dikhaao re,
kalayug me ek baar kanhaiyaa...

chaabuk se jab peeti jaaoo haay haay chillaati main
ubala paani tan par phenke sahan nahi kar paati main
bina kaal mai til til marati karuna jara dikhaao re
kalayug me ekabaar kanhaiyaa...

ek tarph to bchhade mere  an dhan ko upajaate hai,
usi ann ko khaane vaale  mera vdh karavaate hai,
harsh jara tumaake vdh pe aake rok lagaao re,
kalayug me ek baar kanhaiyaa...

kalayug me ek baar kanhaiya gvaale ban kar aao re,
aaj pukaar kare teri giyaan aake kanth lagaao re,
kalayug me ek baar kanhaiyaa




kalyug me ek baar kanhiya gwale ban kar aao Lyrics





Bhajan Lyrics View All

कोई कहे गोविंदा कोई गोपाला,
मैं तो कहूँ सांवरिया बांसुरी वाला ।
ਮੇਰੇ ਕਰਮਾਂ ਵੱਲ ਨਾ ਵੇਖਿਓ ਜੀ,
ਕਰਮਾਂ ਤੋਂ ਸ਼ਾਰਮਾਈ ਹੋਈ ਆਂ
जय शिव ओंकारा, ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी
कोई पकड़ के मेरा हाथ रे,
मोहे वृन्दावन पहुंच देओ ।
सांवरे से मिलने का, सत्संग ही बहाना है,
चलो सत्संग में चलें, हमें हरी गुण गाना
तू राधे राधे गा ,
तोहे मिल जाएं सांवरियामिल जाएं
गोवर्धन वासी सांवरे, गोवर्धन वासी
तुम बिन रह्यो न जाय, गोवर्धन वासी
सुबह सवेरे  लेकर तेरा नाम प्रभु,
करते है हम शुरु आज का काम प्रभु,
कान्हा की दीवानी बन जाउंगी,
दीवानी बन जाउंगी मस्तानी बन जाउंगी,
जगत में किसने सुख पाया
जो आया सो पछताया, जगत में किसने सुख
आज बृज में होली रे रसिया।
होरी रे रसिया, बरजोरी रे रसिया॥
जग में सुन्दर है दो नाम, चाहे कृष्ण कहो
बोलो राम राम राम, बोलो श्याम श्याम
जिंदगी एक किराये का घर है,
एक न एक दिन बदलना पड़ेगा॥
हर पल तेरे साथ मैं रहता हूँ,
डरने की क्या बात? जब मैं बैठा हूँ
एक दिन वो भोले भंडारी बन कर के ब्रिज की
पारवती भी मना कर ना माने त्रिपुरारी,
ये सारे खेल तुम्हारे है
जग कहता खेल नसीबों का
हरी नाम नहीं तो जीना क्या
अमृत है हरी नाम जगत में,
रंगीलो राधावल्लभ लाल, जै जै जै श्री
विहरत संग लाडली बाल, जै जै जै श्री
तेरा गम रहे सलामत मेरे दिल को क्या कमी
यही मेरी ज़िंदगी है, यही मेरी बंदगी है
मेरा यार यशुदा कुंवर हो चूका है
वो दिल हो चूका है जिगर हो चूका है
बहुत बड़ा दरबार तेरो बहुत बड़ा दरबार,
चाकर रखलो राधा रानी तेरा बहुत बड़ा
बृज के नंदलाला राधा के सांवरिया,
सभी दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया।
राधे तु कितनी प्यारी है ॥
तेरे संग में बांके बिहारी कृष्ण
बोल कान्हा बोल गलत काम कैसे हो गया,
बिना शादी के तू राधे श्याम कैसे हो गया
मोहे आन मिलो श्याम, बहुत दिन बीत गए।
बहुत दिन बीत गए, बहुत युग बीत गए ॥
मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री कैसो चटक
श्याम मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री
हे राम, हे राम, हे राम, हे राम
जग में साचे तेरो नाम । हे राम...
फूलों में सज रहे हैं, श्री वृन्दावन
और संग में सज रही है वृषभानु की
रसिया को नार बनावो री रसिया को
रसिया को नार बनावो री रसिया को
तेरे दर की भीख से है,
मेरा आज तक गुज़ारा

New Bhajan Lyrics View All

कहीं देखा री ब्रिज में मुरली का बजाने
जय हो कालका माई तेरी जय हो कालका माई,
भक्तों की रक्षा करने को पावन रूप हो आई,
यह लहरी दार चुनरी सर पर मां ओढ़ के,
मेरे घर आई मैया पर्वत को छोड़के...
सबसे पहले तुमे मनाये,
रात और दिन हर रोज,
गाड़ी धीरे धीरे हांक मुझे हरिद्वार को
मुझे हरिद्वार को जाना है, मुझे