मैया दूल्हा मोहे बनाय दे,
मरवट माथे पै लगवायदे अपने हाथ की,
मोकू लायदे दुल्हनिया यमुना पार की......
बहुत दिना तेरी गाय चराई हुक्म कबहु नायें टारयो,
सब ग्वालन के फैरे पड़ गये मैं ही रह गयो क्वारो,
मैया तू ही व्याह करवायदे मिठाई माखन की खवायदे अपने हाथ की,
मोकू लायदे दुल्हनिया यमुना पार की........
काऊ अच्छे से घर में करियो रिस्तेदारी मेरी,
गौरी सी एक होये दुल्हनिया होये न कल्लो कारी,
मैया तेरे चरण दवावे मेरी सेवा टहल बजावे बडे ही प्यार की,
मोकू लायदे दुल्हनिया यमुना पार की.........
फैसन वाली होये न दुल्हनिया ओढ़े न उल्टो पल्लो,
जा दिन से या घर मे आवे बृज में है जाए हल्लो,
मैया मेरे संग न जावे, मेरे संग बैठ न खावे चाट बाजार की,
मोकू लायदे दुल्हनिया यमुना पार की....
भजन - मैया दूल्हा मोहे बनायदे
स्वर- पं अशोक कृष्ण ठाकुर जी महाराज
maiya doolha mohe banaay de,
maravat maathe pai lagavaayade apane haath ki,
mokoo laayade dulhaniya yamuna paar ki...
bahut dina teri gaay charaai hukm kabahu naayen taarayo,
sab gvaalan ke phaire pad gaye mainhi rah gayo kvaaro,
maiya too hi vyaah karavaayade mithaai maakhan ki khavaayade apane haath ki,
mokoo laayade dulhaniya yamuna paar ki...
kaaoo achchhe se ghar me kariyo ristedaari meri,
gauri si ek hoye dulhaniya hoye n kallo kaari,
maiya tere charan davaave meri seva tahal bajaave bade hi pyaar ki,
mokoo laayade dulhaniya yamuna paar ki...
phaisan vaali hoye n dulhaniya odahe n ulto pallo,
ja din se ya ghar me aave baraj me hai jaae hallo,
maiya mere sang n jaave, mere sang baith n khaave chaat baajaar ki,
mokoo laayade dulhaniya yamuna paar ki...
maiya doolha mohe banaay de,
maravat maathe pai lagavaayade apane haath ki,
mokoo laayade dulhaniya yamuna paar ki...