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मन तड़पत हरि दरशन को आज  ॥
मोरे तुम बिन बिगड़े सकल काज ।

मन तड़पत हरि दरशन को आज  ॥
मोरे तुम बिन बिगड़े सकल काज ।
आ विनती करत हूँ रखियो लाज ॥

तुम्हरे द्वार का मैं हूँ जोगी
  मेरी ओर नजर कब होगी
सुन मेरे व्याकुल मन की बात ॥

बिन गुरू ग्यान कहाँ सेे पाऊं
दीजो दान हरि गुन गाऊं
सब गुनी जन पे तुम्हारा राज ॥

मुरली मनोहर आस न तोड़ो
दु:ख भंजन मेरा साथ न छोड़ो
मोहे दरशन भिक्षा दे दो आज ॥

द्वारा : योगेश तिवारी है



man tadpe hari darshan ko aaj more tum bin bidge sakl kaaj

man tadapat hari darshan ko aaj  ..
more tum bin bigade sakal kaaj
a vinati karat hoon rkhiyo laaj ..


tumhare dvaar ka mainhoon jogee
  meri or najar kab hogee
sun mere vyaakul man ki baat ..

bin guroo gyaan kahaan si paaoon
deejo daan hari gun gaaoon
sab guni jan pe tumhaara raaj ..

murali manohar aas n todo
du:kh bhanjan mera saath n chhodo
mohe darshan bhiksha de do aaj ..

man tadapat hari darshan ko aaj  ..
more tum bin bigade sakal kaaj
a vinati karat hoon rkhiyo laaj ..




man tadpe hari darshan ko aaj more tum bin bidge sakl kaaj Lyrics





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