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मनुष्य जन्म अनमोल रे

मनुष्य जन्म अनमोल रे मिटटी में न रोल रे,
अब जो मिला है फिर न मिलेगा-
कभी नही कभी नही रे

ओम साईं नमो नम श्री साईं नमो नम

तू सत्संग में आया कर गीत प्रभु के गाया कर,
साँझ सवेरे बैठ के बन्दे गीत प्रभु के लगाया  कर,
नहीं लगता कुछ मोल रे मिट्टी में ना रोल रे
अब जो मिला है फिर ना मिलेगा,
कभी नही कभी नहीं कभी नही रे...

तू है बुद बुद पानी का,
मत कर जोर जवानी का,
समझ संभल के कदम रखो,
पता नही जिंदगानी का,
सबसे मीठा बोल रे,
मिट्टी में ना रोल रे,
अब जो मिला है फिर ना मिलेगा-
कभी नही कभी नहीं कभी नही रे...

मतलब का संसार है किसका क्या इतवार है ,
समज समज के कदम रखो फूल नही अंगार है,
मन की आँखे खोल रे
मिट्टी में ना रोल रे,
अब जो मिला है फिर ना मिलेगा-
कभी नही कभी नहीं कभी नही रे...

आचार्य मोहित बहुगुणा
पौड़ी गढ़वाल 【उत्तराखंड】



manushaye janam anmol re

manushy janm anamol re mitati me n rol re,
ab jo mila hai phir n milegaa
kbhi nahi kbhi nahi re


om saaeen namo nam shri saaeen namo nam

too satsang me aaya kar geet prbhu ke gaaya kar,
saanjh savere baith ke bande geet prbhu ke lagaaya  kar,
nahi lagata kuchh mol re mitti me na rol re
ab jo mila hai phir na milega,
kbhi nahi kbhi nahi kbhi nahi re...

too hai bud bud paani ka,
mat kar jor javaani ka,
samjh sanbhal ke kadam rkho,
pata nahi jindagaani ka,
sabase meetha bol re,
mitti me na rol re,
ab jo mila hai phir na milegaa
kbhi nahi kbhi nahi kbhi nahi re...

matalab ka sansaar hai kisaka kya itavaar hai ,
samaj samaj ke kadam rkho phool nahi angaar hai,
man ki aankhe khol re
mitti me na rol re,
ab jo mila hai phir na milegaa
kbhi nahi kbhi nahi kbhi nahi re...

manushy janm anamol re mitati me n rol re,
ab jo mila hai phir n milegaa
kbhi nahi kbhi nahi re




manushaye janam anmol re Lyrics





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