मेरा श्याम अपने दर पे
आखो से मई पिलाए
मोहन जिसे पिलाए
उसे होश कैसे आये
मीरा ने पीली मस्ती
अपनी मिटा दी हसती
दीवानी हो गयी वो
ओर बावरी कहायी
मेरा श्याम अपने दर पै
आखो से मई पिलाए
पहले पिलायी नांदे को
सुद्ध बुध भुला दी उसने
फिर आप नन्दा बनकर
मोहन चरन दबाए
मेरा श्याम अपने दर पे
आखो से मई पिलाए
हे दीन बंधू तेरी
ये दया नहीं तो क्या है
ठुकराए जिसको दुनिया
उसे तू गले लगाये
मेरा श्याम अपने दर पे
आखो से मई पिलाए
mera shyaam apane dar pe
aakho se mi pilaae
mohan jise pilaae
use hosh kaise aaye
meera ne peeli mastee
apani mita di hasatee
deevaani ho gayi vo
or baavari kahaayee
mera shyaam apane dar pai
aakho se mi pilaae
pahale pilaayi naande ko
suddh budh bhula di usane
phir aap nanda banakar
mohan charan dabaae
mera shyaam apane dar pe
aakho se mi pilaae
he deen bandhoo teree
ye daya nahi to kya hai
thukaraae jisako duniyaa
use too gale lagaaye
mera shyaam apane dar pe
aakho se mi pilaae
mera shyaam apane dar pe
aakho se mi pilaae
mohan jise pilaae
use hosh kaise aaye