मेरे मन में लगी है लगन की कान्हा आये गे वृन्दावन में,
फूलो से आजा सजाया है मैंने आज घर तो,
इक झूला भी बनवाया है झुलाउ गिरधर को,
मैं सारी रात लगी जगन को के कान्हा आये गे वृन्दावन में,
मेरे मन में लगी है लगन की कान्हा आये गे वृन्दावन में,
मेरे नैना रहे निहार दर्श की प्यासी मैं,
बन की रहुगी हरी चरण की दासी मैं,
ये बोले धरती गगन के कान्हा आये गे वृद्धावन में,
मेरे मन में लगी है लगन की कान्हा आये गे वृन्दावन में,
मैंने माखन भी मंगवा भोग लगाओगी हट करके फिर मैं बंसी भी भजवाउगि,
मैं गाउ मीठे भजन के कान्हा आये गे वृद्धावन में,
मेरे मन में लगी है लगन की कान्हा आये गे वृन्दावन में,
मेरे हिरदये में वसा है वो मुरली वाला,
है सब का तारण हार है वो सब का रखवाला,
लगे होने अच्छे सगण कान्हा आएंगे वृन्दावन में,
मेरे मन में लगी है लगन की कान्हा आये गे वृन्दावन में,
mere man me lagi hai lagan ki kaanha aaye ge vrindaavan me
phoolo se aaja sajaaya hai mainne aaj ghar to,
ik jhoola bhi banavaaya hai jhulaau girdhar ko,
mainsaari raat lagi jagan ko ke kaanha aaye ge vrindaavan me,
mere man me lagi hai lagan ki kaanha aaye ge vrindaavan me
mere naina rahe nihaar darsh ki pyaasi main,
ban ki rahugi hari charan ki daasi main,
ye bole dharati gagan ke kaanha aaye ge vriddhaavan me,
mere man me lagi hai lagan ki kaanha aaye ge vrindaavan me
mainne maakhan bhi mangava bhog lagaaogi hat karake phir mainbansi bhi bhajavaaugi,
maingaau meethe bhajan ke kaanha aaye ge vriddhaavan me,
mere man me lagi hai lagan ki kaanha aaye ge vrindaavan me
mere hiradaye me vasa hai vo murali vaala,
hai sab ka taaran haar hai vo sab ka rkhavaala,
lage hone achchhe sagan kaanha aaenge vrindaavan me,
mere man me lagi hai lagan ki kaanha aaye ge vrindaavan me
mere man me lagi hai lagan ki kaanha aaye ge vrindaavan me