ओ सजनी कैसे खेली जाए रंगीली होली श्याम की,
होली श्याम की रंगीली होली श्याम की,
ओ सजनी कैसे खेली जाए .......
या होली में पायल खो गी मेरी पाँव की,
अभी नई वनवाई लाला मैंने मंहंगे दाम की,
ओ सजनी कैसे खेली जाए ....
अब तो सही न जाए बेशर्मी श्याम की,
बेमतलब लाज गई ऐसी होली किस काम की,
ओ सजनी कैसे खेली जाए ......
बहुत बुरी है रीत सखी ऋ नन्द के गांव की,
रंग डाले और छाप लगावे अपने नाम की,
ओ सजनी कैसे खेली जाए
o sajani kaise kheli jaae rangeeli holi shyaam ki,
holi shyaam ki rangeeli holi shyaam ki,
o sajani kaise kheli jaae ...
ya holi me paayal kho gi meri paanv ki,
abhi ni vanavaai laala mainne manhange daam ki,
o sajani kaise kheli jaae ...
ab to sahi n jaae besharmi shyaam ki,
bematalab laaj gi aisi holi kis kaam ki,
o sajani kaise kheli jaae ...
bahut buri hai reet skhi ri nand ke gaanv ki,
rang daale aur chhaap lagaave apane naam ki,
o sajani kaise kheli jaae
o sajani kaise kheli jaae rangeeli holi shyaam ki,
holi shyaam ki rangeeli holi shyaam ki,
o sajani kaise kheli jaae ...