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पानी में नहाते हो कभी सत्संग मै नहाया करो

पानी में नहाते हो सत्संग में नहाया करो

खाए खाए तुमको सब जीवन बीत गया
खाना तो खाते हो कभी गम भी खाया करो

औरों की बुराई तो तुम सुनते सुनाते हो
कुछ अपनी बुराई भी कह कह कर  सुनाया करो

निज अवगुण कहने की हिम्मत तो जुटाया करो
पानी में नहाते हो सत्संग में नहाया करो
पानी में नहाती हो सत्संग में नहाया करो



pani me nhaate ho satsang me nahaya karo

paani me nahaate ho satsang me nahaaya karo

khaae khaae tumako sab jeevan beet gayaa
khaana to khaate ho kbhi gam bhi khaaya karo

auron ki buraai to tum sunate sunaate ho
kuchh apani buraai bhi kah kah kar  sunaaya karo

nij avagun kahane ki himmat to jutaaya karo
paani me nahaate ho satsang me nahaaya karo
paani me nahaati ho satsang me nahaaya karo

paani me nahaate ho satsang me nahaaya karo



pani me nhaate ho satsang me nahaya karo Lyrics





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