( केवट ने जब प्रभु श्रीराम को,
नाव से नदी के पार किया,
उतराई जब प्रभु देने लगे,
उसने इंकार किया।
प्रभु मैंने तुम्हे पार किया,
तुम मोहे पार करो,
अपने चरणों की धूलि से,
अपने चरणों की धूलि से,
मेरा उद्धार करो,
प्रभु मैंने तुम्हें पार किया,
तुम मोहे पार करो।।
आप तो अंतर्यामी हो प्रभु जी,
मैं गरीब केवट हूँ,
धन धन भाग हमारे है जो,
आपके इतने निकट हूँ,
अपने चरणों में मेरा,
अपने चरणों में मेरा,
वंदन स्वीकार करो,
प्रभु मैंने तुम्हें पार किया,
तुम मोहे पार करो।।
आप ने कितने दीन दुखी,
पीड़ित को तारा है,
निर्धन असहायों के भी,
तो भाग्य संवारा है,
नहीं चाहिए अन्न धन सोना,
नहीं चाहिए अन्न धन सोना,
बस बेड़ा पार करो,
प्रभु मैंने तुम्हें पार किया,
तुम मोहे पार करो,
अपने चरणों की धूलि से,
अपने चरणों की धूलि से,
मेरा उद्धार करो,
प्रभु मैंने तुम्हें पार किया,
तुम मोहे पार करो।।
prbhu mainne tumhe paar kiya,
tum mohe paar karo,
apane charanon ki dhooli se,
mera uddhaar karo,
prbhu mainne tumhen paar kiya,
tum mohe paar karo
aap to antaryaami ho prbhu ji,
maingareeb kevat hoon,
dhan dhan bhaag hamaare hai jo,
aapake itane nikat hoon,
apane charanon me mera,
vandan sveekaar karo,
prbhu mainne tumhen paar kiya,
tum mohe paar karo
aap ne kitane deen dukhi,
peedit ko taara hai,
nirdhan asahaayon ke bhi,
to bhaagy sanvaara hai,
nahi chaahie ann dhan sona,
bas beda paar karo,
prbhu mainne tumhen paar kiya,
tum mohe paar karo,
apane charanon ki dhooli se,
mera uddhaar karo,
prbhu mainne tumhen paar kiya,
tum mohe paar karo
prbhu mainne tumhe paar kiya,
tum mohe paar karo,
apane charanon ki dhooli se,
mera uddhaar karo,
prbhu mainne tumhen paar kiya,
tum mohe paar karo