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मेरी जफ़ा पे भी मुस्कुराते है,
और वफ़ा पे भी मुस्कुराते है ।

मेरी जफ़ा पे भी मुस्कुराते है,
और वफ़ा पे भी मुस्कुराते है ।
मुझसे प्यार है उनका,
वो मेरे हर ऐब को छुपाते है ।

मुझे तो एहसास है कुछ वो,
के मेरे पासआते है ।
उन्हें खबर लगे कोई,
के ,मेरा दिल नहीं बस में,
तब अपने दिल को निकाल के,
वो मेरे पास लाते हैं ।

सिखाते हैं वो करुणा प्रेम,
एक दिन सीख जाऊंगा ।
वो मुझको प्यार करने,
की पुरानी ऋतु बताते है ।

साईआशीष कैसे शुक्र हो,
उनकी नवाज़िश का ,
वो मूरत बनके खुद ही,
खुद से खुद को बेच आते है ।

जिधर भी देखता हूँ,
देखती है उनकी नज़रे बस,
मै कैसे कहदो के मुझको,
कभी वो भूल जाते है ।

आये है आज भी पहलु,
में लेके मेरे दर्दो को,
मैने पूछा तो मेरे दर्द,
को अपना बताते है ।



sai nawajish

meri japaha pe bhi muskuraate hai,
aur vapaha pe bhi muskuraate hai
mujhase pyaar hai unaka,
vo mere har aib ko chhupaate hai


mujhe to ehasaas hai kuchh vo,
ke mere paasaate hai
unhen khabar lage koi,
ke ,mera dil nahi bas me,
tab apane dil ko nikaal ke,
vo mere paas laate hain

sikhaate hain vo karuna prem,
ek din seekh jaaoongaa
vo mujhako pyaar karane,
ki puraani ritu bataate hai

saaeeaasheesh kaise shukr ho,
unaki navaazish ka ,
vo moorat banake khud hi,
khud se khud ko bech aate hai

jidhar bhi dekhata hoon,
dekhati hai unaki nazare bas,
mai kaise kahado ke mujhako,
kbhi vo bhool jaate hai

aaye hai aaj bhi pahalu,
me leke mere dardo ko,
maine poochha to mere dard,
ko apana bataate hai

meri japaha pe bhi muskuraate hai,
aur vapaha pe bhi muskuraate hai
mujhase pyaar hai unaka,
vo mere har aib ko chhupaate hai




sai nawajish Lyrics





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