तस्व्वुर में ये हालत है,
तो सच का हाल क्या होगा...
मिलाएगा वो जब नज़रें,
तो मेरा हाल क्या होगा.....
तस्व्वुर में ये हालत है,
तो सच का हाल क्या होगा....
मैं अक्सर चाह कर भी
उनसे मिलने यूँ नहीं जाता...-
कि वापस जब मैं लौटूंगा,
तो मेरा हाल क्या होगा।
तस्व्वुर में ये हालत है......
मेरी ये लड़खड़ाती चाल भी
उनकी इबादत है......-
चलूँगा जब तरीक़े से
तो मेरा हाल क्या होगा।
तस्व्वुर में ये हालत है......
अभी नज़रें झुकी उनकी
मगर डर ये भी लगता है...-
पिलाएगा जब नज़रों से
तो सबका हाल क्या होगा।
tasvvur me ye haalat hai,
to sch ka haal kya hogaa...
milaaega vo jab nazaren,
to mera haal kya hogaa...
tasvvur me ye haalat hai,
to sch ka haal kya hogaa...
mainaksar chaah kar bhee
unase milane yoon nahi jaataa...
ki vaapas jab mainlautoonga,
to mera haal kya hogaa
tasvvur me ye haalat hai...
meri ye ladkhadaati chaal bhee
unaki ibaadat hai...
chaloonga jab tareeke se
to mera haal kya hogaa
tasvvur me ye haalat hai...
abhi nazaren jhuki unakee
magar dar ye bhi lagata hai...
pilaaega jab nazaron se
to sabaka haal kya hogaa
tasvvur me ye haalat hai,
to sch ka haal kya hogaa...