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ए पहुना एही मिथिले में रहु ना,
जउने सुख बा ससुरारी में,

ए पहुना एही मिथिले में रहु ना,
जउने सुख बा ससुरारी में,
तउने सुखवा कहूं ना,
ऐ पहुना एही मिथिले में रहु ना ॥

रोज सवेरे उबटन मलके,
इत्तर से नहवाइब,
एक महीना के भीतर,
करिया से गोर बनाइब,
झूठ कहत ना बानी तनिको,
मौका एगो देहु ना,
ऐ पहुना एही मिथिले में रहु ना ॥

नित नवीन मन भावन व्यंजन,
परसब कंचन थारी,
स्वाद भूख बढ़ि जाई,
सुनि सारी सरहज की गारी,
बार-बार हम करब चिरौरी,
औरी कुछ ही लेहू ना,
ऐ पहुना एही मिथिले में रहु ना ॥

कमला विमला दूधमती में,
झिझरी खूब खेलाईब,
सावन में कजरी गा गा के,
झूला रोज झुलाईब,
पवन देव से करब निहोरा,
हउले- हउले बहु ना,
ऐ पहुना एही मिथिले में रहु ना ॥

हमरे निहोरा रघुनंदन से,
माने या ना माने,
पर ससुरारी के नाते,
परताप को आपन जाने,
या मिथिले में रहि जाइयो या,
संग अपने रख लेहु ना,
ऐ पहुना एही मिथिले में रहु ना ॥

ए पहुना एही मिथिले में रहु ना,
जो आनंद विदेह नगर में,
देह नगर में कहुं ना,
ऐ पहुना एही मिथिले में रहु ना ॥



e pahuna ehi mithile me rahu na,
june sukh ba sasuraari me,

e pahuna ehi mithile me rahu na,
june sukh ba sasuraari me,
tune sukhava kahoon na,
ai pahuna ehi mithile me rahu na ..

roj savere ubatan malake,
ittar se nahavaaib,
ek maheena ke bheetar,
kariya se gor banaaib,
jhooth kahat na baani taniko,
mauka ego dehu na,
ai pahuna ehi mithile me rahu na ..

nit naveen man bhaavan vyanjan,
parasab kanchan thaari,
svaad bhookh badahi jaai,
suni saari sarahaj ki gaari,
baar-baar ham karab chirauri,
auri kuchh hi lehoo na,
ai pahuna ehi mithile me rahu na ..

kamala vimala doodhamati me,
jhijhari khoob khelaaeeb,
saavan me kajari ga ga ke,
jhoola roj jhulaaeeb,
pavan dev se karab nihora,
hule- hule bahu na,
ai pahuna ehi mithile me rahu na ..

hamare nihora rghunandan se,
maane ya na maane,
par sasuraari ke naate,
parataap ko aapan jaane,
ya mithile me rahi jaaiyo ya,
sang apane rkh lehu na,
ai pahuna ehi mithile me rahu na ..

e pahuna ehi mithile me rahu na,
jo aanand videh nagar me,
deh nagar me kahun na,
ai pahuna ehi mithile me rahu na ..







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