ऐसे कपटी श्याम कुंज वन बन छोड़ गए ऊधो...
जो मैं होती जल की मछलियां,
मेरे प्रभु करें स्नान चरण छू लेती रे उधो,
ऐसे कपटी श्याम कुंज वन बन छोड़ गए ऊधो...
जो मैं होती बागो की कलियां,
मेरे प्रभु करे पूजापाठ चरणों में रहती रे उधो,
ऐसे कपटी श्याम कुंज वन बन छोड़ गए ऊधो...
जो मैं होती चंदन चंदनिया,
मेरे प्रभु लगामें तिलक माथे पर सजती रे उधो,
ऐसे कपटी श्याम कुंज वन बन छोड़ गए ऊधो...
जो मैं होती जंगल की हिरनी,
मेरे प्रभु चलामें बाण प्राण तेज देती है उधो,
ऐसे कपटी श्याम कुंज वन बन छोड़ गए ऊधो...
जो मैं होती काली नागिनीया,
मेरे प्रभु बजामें बीन लहर लहर आती है उधो,
ऐसे कपटी श्याम कुंज वन बन छोड़ गए ऊधो...
जो मैं होती तुलसी का बिरला,
मेरे प्रभु लगामें भोग थाली विच रहती है उधो,
ऐसे कपटी श्याम कुंज वन बन छोड़ गए ऊधो...
ऐसे कपटी श्याम कुंज वन बन छोड़ गए ऊधो...
aise kapati shyaam kunj van ban chhod ge oodho...
jo mainhoti jal ki mchhaliyaan,
mere prbhu karen snaan charan chhoo leti re udho,
aise kapati shyaam kunj van ban chhod ge oodho...
jo mainhoti baago ki kaliyaan,
mere prbhu kare poojaapaath charanon me rahati re udho,
aise kapati shyaam kunj van ban chhod ge oodho...
jo mainhoti chandan chandaniya,
mere prbhu lagaame tilak maathe par sajati re udho,
aise kapati shyaam kunj van ban chhod ge oodho...
jo mainhoti jangal ki hirani,
mere prbhu chalaame baan praan tej deti hai udho,
aise kapati shyaam kunj van ban chhod ge oodho...
jo mainhoti kaali naagineeya,
mere prbhu bajaame been lahar lahar aati hai udho,
aise kapati shyaam kunj van ban chhod ge oodho...
jo mainhoti tulasi ka birala,
mere prbhu lagaame bhog thaali vich rahati hai udho,
aise kapati shyaam kunj van ban chhod ge oodho...
aise kapati shyaam kunj van ban chhod ge oodho...