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जीने का रास्ता ये एक वंशी सिखाती है,
छेद है सीने में फिर भी गुनगुनाती है...

जीने का रास्ता ये एक वंशी सिखाती है,
छेद है सीने में फिर भी गुनगुनाती है...


ऐसे मोहन ने नहीं अधरों पे संवारा,
राज इसमें लाख हैं जाने ना जग सारा,
बोझ ग़म का सीने पे अपने उठाती है,
छेद है सीने में फिर भी गुनगुनाती है...

मुस्कुरा कर प्यार इससे करता है कान्हा,
जानता है इसके दिल का क्यूंकि फ़साना,
राधे रानी ये समझ पल भर ना पाती है,
छेद है सीने में फिर भी गुनगुनाती है...

इसकी ये आदत से मोहन मुंह नहीं मोड़े,
छोड़ता दुनिया को पर वंशी नहीं छोड़े,
बेधड़क पल भर नहीं ये हिचकिचाती है,
छेद है सीने में फिर भी गुनगुनाती है...

जीने का रास्ता ये एक वंशी सिखाती है,
छेद है सीने में फिर भी गुनगुनाती है...




jeene ka raasta ye ek vanshi sikhaati hai,
chhed hai seene me phir bhi gunagunaati hai...

jeene ka raasta ye ek vanshi sikhaati hai,
chhed hai seene me phir bhi gunagunaati hai...


aise mohan ne nahi adharon pe sanvaara,
raaj isame laakh hain jaane na jag saara,
bojh gam ka seene pe apane uthaati hai,
chhed hai seene me phir bhi gunagunaati hai...

muskura kar pyaar isase karata hai kaanha,
jaanata hai isake dil ka kyoonki pahasaana,
radhe raani ye samjh pal bhar na paati hai,
chhed hai seene me phir bhi gunagunaati hai...

isaki ye aadat se mohan munh nahi mode,
chhodata duniya ko par vanshi nahi chhode,
bedhadak pal bhar nahi ye hichakichaati hai,
chhed hai seene me phir bhi gunagunaati hai...

jeene ka raasta ye ek vanshi sikhaati hai,
chhed hai seene me phir bhi gunagunaati hai...








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