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मन राधेश्याम सीताराम रट रे,
तेरे संकट जाएंगे कट रे...

मन राधेश्याम सीताराम रट रे,
तेरे संकट जाएंगे कट रे...


हिरणाकुश जुल्म कराया प्रहलाद को बहुत सताया,
आय नरसिंह खंब गया फट रे,
तेरे संकट जाएंगे कट रे...

ग्राह गज को कर लिया बस में  प्रभु टेर सुनी थी जल में,
हरि पल में हुए प्रकट रे,
तेरे संकट जाएंगे कट रे...

अब जाएं ना कष्ट सहा रे द्रोपति ने वचन कहा रे,
दुशासन का बल गया घट रे,
तेरे संकट जाएंगे कट रे...

अरे मानव कुसंगत तज रे और नित्य सत्संग में रज रे,
भजले श्री नागर नट रे,
तेरे संकट जाएंगे कट रे...

मन राधेश्याम सीताराम रट रे,
तेरे संकट जाएंगे कट रे...




man radheshyaam seetaaram rat re,
tere sankat jaaenge kat re...

man radheshyaam seetaaram rat re,
tere sankat jaaenge kat re...


hiranaakush julm karaaya prahalaad ko bahut sataaya,
aay narasinh khanb gaya phat re,
tere sankat jaaenge kat re...

graah gaj ko kar liya bas me  prbhu ter suni thi jal me,
hari pal me hue prakat re,
tere sankat jaaenge kat re...

ab jaaen na kasht saha re dropati ne vchan kaha re,
dushaasan ka bal gaya ghat re,
tere sankat jaaenge kat re...

are maanav kusangat taj re aur nity satsang me raj re,
bhajale shri naagar nat re,
tere sankat jaaenge kat re...

man radheshyaam seetaaram rat re,
tere sankat jaaenge kat re...








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