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शंकर भोलेनाथ की लीला बड़ी कमाल,
भक्तो की रक्षा को शिव बन गए रे महाकाल,

शंकर भोलेनाथ की लीला बड़ी कमाल,
भक्तो की रक्षा को शिव बन गए रे महाकाल,
भक्तो की रक्षा को शिव बन गए रे महाकाल॥


महाकाल की जय सब बोलो,
अंतर मन के पट सब खोलो,
ज्ञान दायनी कथा है भक्तो,
पाप नाशनी कथा है भक्तो,
कालो के भी काल है भोले,
उज्जैनी महाकाल है भोले,
कथा सुने जो चित्त लगाकर,
उसको कृपा मिले बराबर,
उज्जैन में एक ब्राह्मण रहता,
अपने दिल की शिव से कहता,
प्रतिदिन करता पूजा अर्चन,
प्रति दिन करता पूजा अर्चन,
शिव चरणों का करता वंदन,
भोले जी की धुन में रहता,
नही किसी के डर से डरता,
नहीं किसी के डर से डरता,
गुजर रहा था मजे से जीवन,
ना थी घर में कोई उलझन,
चारो पुत्र के संग रहता था ब्राह्मण खुशहाल,
भक्तो की रक्षा को शिव बन गए रे महाकाल,
भक्तो की रक्षा को शिव बन गए रे महाकाल॥

दुष्ट हुआ एक पैदा दूषण,
विघ्न करे पूजा में हर दिन,
रत्नमाल पर्वत के ऊपर,
करी तपस्या और भयंकर,
ब्रम्हा जी खुश होकर आये,
वर मांगो यौ वचन सुनाये,
वर दूषण ने माँगा अजय का,
ब्रम्हा जी का माथा ठनका,
ब्रम्हा बोले सुनो हमारी,
होगी इच्छा पूर्ण तुम्हारी,
लिया जो शिव भक्तो से पंगा,
जान तेरी को पड़े अड़ंगा,
जो चाहे मृत्यु से बचना,
शिव भक्तो से बचके रहना,
मिथ्यावाणी ना हो मेरी,
बाकि आगे मर्जी तेरी,
शिव भक्तो को दुःख दिया तो आएगा तेरा काल,
भक्तो की रक्षा को शिव बन गए रे महाकाल,
भक्तो की रक्षा को शिव बन गए रे महाकाल॥

पुत्रो के संग ब्रह्मण एक दिन,
करता था शिव जी का पूजन,
तभी वहां पर दूषण आया,
हवन यज्ञ में विघ्नम चाया,
बोलै मैं हूँ जनम से क्रोधी,
पूजा पाठ का मैं हु विरोधी,
जीना चाहो अगर ख़ुशी से,
कर दो पूजा बंद अभी से,
शिवलिंग तोडा फेंकी थाली,
लगा सुनाने गन्दी गाली,
फिर भी ना घबराये ब्राह्मण,
करते रहे शिव का आवाहन,
शीघ्र पधारो शिव त्रिपुरारी,
देता कष्ट हमे असुरारी,
भोले हम पर दया कीजिये,
दुष्ट असुर को सजा दीजिये,
करुणा क्रंदन सुन के शिव के नैना हो गए लाल,
भक्तो की रक्षा को शिव बन गए रे महाकाल,
भक्तो की रक्षा को शिव बन गए रे महाकाल॥

यज्ञ स्थल में प्रगटे भोले,
दूषण से गुस्से में बोले,
जो दुःख शिव भक्तो को देगा,
प्राण में उसके आ हर लेगा,
इतना कह भोले हुंकारे,
झट दूषण के प्राण निकारे,
भाग खड़ी हुई उसकी सेना,
देखे जब शंकर के नैना,
दुष्ट मरा गूंजे जयकारे,
बजी दुंदुभि नभ के द्वारे,
ख़ुशी देवता हो गए भारी,
मर गया दूषण अत्याचारी,
लगे बरसने फूल गगन से,
पाप उतर गया आज धरण से,
भोले कहाँ लगे ब्राह्मण से,
वर मांगो तुम अपने मन से,
जो मांगोगे आज तुम्हे मैं दूंगा वही तत्काल,
भक्तो की रक्षा को शिव बन गए रे महाकाल,
भक्तो की रक्षा को शिव बन गए रे महाकाल॥

हाथ जोड़कर ब्राह्मण बोले,
इतनी कृपा करिये बोले,
आये दिन यहाँ दुष्ट पनपते,
पूजा पाठ ना करने देते,
असूरो का डर रोज सताये,
पूजा में मन लग ना पाए,
असुरो से प्रभु रक्षा करिये,
सदा सदा को यही पे रहिये,
बोले भोले फ़िक्र करो ना,
बिलकुल भी तुम मन में डरो ना,
ना तुम को मजबूर करूँगा,
दुखड़े सबके दूर करूँगा,
महाकाल का नाम धरूंगा,
यहाँ सदा में वास करूँगा,
हुए समाहित लिंग में भोले,
हर हर शम्भु ब्राह्मण बोले,
हुए समाहित लिंग में भोले,
उस दिन से शिव शंकर जी का नाम पड़ा महाकाल,
भक्तो की रक्षा को शिव बन गए रे महाकाल,
भक्तो की रक्षा को शिव बन गए रे महाकाल॥

महाकाल उज्जैन के राजा,
इनके पूजे सकल समाजा,
भस्म आरती महाकाल की,
गति बदलती चक्र काल की,
महाकाल सा देव ना दूजा,
दुनिया करती इनकी पूजा,
जिसने अपना माथा टेका,
बदली उसकी किस्मत रेखा,
द्वार है सच्चा महाकाल का,
मोह मिटाता माया जाल का,
मुंह माँगा वर यहाँ पर मिलता,
मुरझा मुकद्दर फिर से खिलता,
राजा हो या रंक सौदागर,
महाकाल को सब है बराबर,
महाकाल की लीला न्यारी,
लिखे हकीकत तथ्य अनाड़ी,
महाकाल के दर्शन करके कटते सभी बवाल,
भक्तो की रक्षा को शिव बन गए रे महाकाल,
भक्तो की रक्षा को शिव बन गए रे महाकाल॥

शंकर भोलेनाथ की लीला बड़ी कमाल,
भक्तो की रक्षा को शिव बन गए रे महाकाल,
भक्तो की रक्षा को शिव बन गए रे महाकाल॥




shankar bholenaath ki leela badi kamaal,
bhakto ki raksha ko shiv ban ge re mahaakaal,

shankar bholenaath ki leela badi kamaal,
bhakto ki raksha ko shiv ban ge re mahaakaal,
bhakto ki raksha ko shiv ban ge re mahaakaal..


mahaakaal ki jay sab bolo,
antar man ke pat sab kholo,
gyaan daayani ktha hai bhakto,
paap naashani ktha hai bhakto,
kaalo ke bhi kaal hai bhole,
ujjaini mahaakaal hai bhole,
ktha sune jo chitt lagaakar,
usako kripa mile baraabar,
ujjain me ek braahaman rahata,
apane dil ki shiv se kahata,
pratidin karata pooja archan,
prati din karata pooja archan,
shiv charanon ka karata vandan,
bhole ji ki dhun me rahata,
nahi kisi ke dar se darata,
nahi kisi ke dar se darata,
gujar raha tha maje se jeevan,
na thi ghar me koi uljhan,
chaaro putr ke sang rahata tha braahaman khushahaal,
bhakto ki raksha ko shiv ban ge re mahaakaal,
bhakto ki raksha ko shiv ban ge re mahaakaal..

dusht hua ek paida dooshan,
vighn kare pooja me har din,
ratnamaal parvat ke oopar,
kari tapasya aur bhayankar,
bramha ji khush hokar aaye,
var maango yau vchan sunaaye,
var dooshan ne maaga ajay ka,
bramha ji ka maatha thanaka,
bramha bole suno hamaari,
hogi ichchha poorn tumhaari,
liya jo shiv bhakto se panga,
jaan teri ko pade adanga,
jo chaahe maratyu se bchana,
shiv bhakto se bchake rahana,
mithyaavaani na ho meri,
baaki aage marji teri,
shiv bhakto ko duhkh diya to aaega tera kaal,
bhakto ki raksha ko shiv ban ge re mahaakaal,
bhakto ki raksha ko shiv ban ge re mahaakaal..

putro ke sang brahaman ek din,
karata tha shiv ji ka poojan,
tbhi vahaan par dooshan aaya,
havan yagy me vighnam chaaya,
bolai mainhoon janam se krodhi,
pooja paath ka mainhu virodhi,
jeena chaaho agar kahushi se,
kar do pooja band abhi se,
shivaling toda phenki thaali,
laga sunaane gandi gaali,
phir bhi na ghabaraaye braahaman,
karate rahe shiv ka aavaahan,
sheeghr pdhaaro shiv tripuraari,
deta kasht hame asuraari,
bhole ham par daya keejiye,
dusht asur ko saja deejiye,
karuna krandan sun ke shiv ke naina ho ge laal,
bhakto ki raksha ko shiv ban ge re mahaakaal,
bhakto ki raksha ko shiv ban ge re mahaakaal..

yagy sthal me pragate bhole,
dooshan se gusse me bole,
jo duhkh shiv bhakto ko dega,
praan me usake a har lega,
itana kah bhole hunkaare,
jhat dooshan ke praan nikaare,
bhaag khadi hui usaki sena,
dekhe jab shankar ke naina,
dusht mara goonje jayakaare,
baji dundubhi nbh ke dvaare,
kahushi devata ho ge bhaari,
mar gaya dooshan atyaachaari,
lage barasane phool gagan se,
paap utar gaya aaj dharan se,
bhole kahaan lage braahaman se,
var maango tum apane man se,
jo maangoge aaj tumhe maindoonga vahi tatkaal,
bhakto ki raksha ko shiv ban ge re mahaakaal,
bhakto ki raksha ko shiv ban ge re mahaakaal..

haath jodakar braahaman bole,
itani kripa kariye bole,
aaye din yahaan dusht panapate,
pooja paath na karane dete,
asooro ka dar roj sataaye,
pooja me man lag na paae,
asuro se prbhu raksha kariye,
sada sada ko yahi pe rahiye,
bole bhole pahikr karo na,
bilakul bhi tum man me daro na,
na tum ko majaboor karoonga,
dukhade sabake door karoonga,
mahaakaal ka naam dharoonga,
yahaan sada me vaas karoonga,
hue samaahit ling me bhole,
har har shambhu braahaman bole,
hue samaahit ling me bhole,
us din se shiv shankar ji ka naam pada mahaakaal,
bhakto ki raksha ko shiv ban ge re mahaakaal,
bhakto ki raksha ko shiv ban ge re mahaakaal..

mahaakaal ujjain ke raaja,
inake pooje sakal samaaja,
bhasm aarati mahaakaal ki,
gati badalati chakr kaal ki,
mahaakaal sa dev na dooja,
duniya karati inaki pooja,
jisane apana maatha teka,
badali usaki kismat rekha,
dvaar hai sachcha mahaakaal ka,
moh mitaata maaya jaal ka,
munh maaga var yahaan par milata,
murjha mukaddar phir se khilata,
raaja ho ya rank saudaagar,
mahaakaal ko sab hai baraabar,
mahaakaal ki leela nyaari,
likhe hakeekat tathy anaadi,
mahaakaal ke darshan karake katate sbhi bavaal,
bhakto ki raksha ko shiv ban ge re mahaakaal,
bhakto ki raksha ko shiv ban ge re mahaakaal..

shankar bholenaath ki leela badi kamaal,
bhakto ki raksha ko shiv ban ge re mahaakaal,
bhakto ki raksha ko shiv ban ge re mahaakaal..








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