हे ज्योति रूप ज्वाला माँ,
तेरी ज्योति सबसे न्यारी है ।
हर एक जन इसका परवाना,
हर एक जान इसका पुजारी है ॥
जय माँ शेरावाली जय माँ ज्योतावाली
जब कुछ भी न था इस धरती पर,
तेरी ज्योति का नूर निराला था ।
न सूरज, चंदा, तारे थे,
तेरी ज्योति का ही उजाला था ।
कैसी होगी तेरी ज्योति,
जब सूरज एक चिंगारी है ॥
जय माँ शेरावाली जय माँ ज्योतावाली ॥
जिस घर में ज्योति जलती है,
वह घर पावन हो जाता है ।
ज्योति से ज्योति मिल जाती,
वह जग में अमर हो जाता है ।
यह ज्योति जीवन देती है,
यह ज्योति पालनहारी है ।
जय माँ शेरावाली जय माँ ज्योतावाली ॥
धरती का सीना चीर के माँ,
पाताल लोक से आई है ।
इसकी लीला का अंत नहीं,
कण-कण में यही समय है ।
निर्बल को शक्ति देती है,
यह शक्ति अतुल तुम्हारी है ।
जय माँ शेरावाली जय माँ ज्योतावाली
he jyoti roop jvaala ma,
teri jyoti sabase nyaari hai .
har ek jan isaka paravaana,
har ek jaan isaka pujaari hai ..
jay ma sheraavaali jay ma jyotaavaalee
jab kuchh bhi n tha is dharati par,
teri jyoti ka noor niraala tha .
n sooraj, chanda, taare the,
teri jyoti ka hi ujaala tha .
kaisi hogi teri jyoti,
jab sooraj ek chingaari hai ..
jay ma sheraavaali jay ma jyotaavaali ..
jis ghar me jyoti jalati hai,
vah ghar paavan ho jaata hai .
jyoti se jyoti mil jaati,
vah jag me amar ho jaata hai .
yah jyoti jeevan deti hai,
yah jyoti paalanahaari hai .
jay ma sheraavaali jay ma jyotaavaali ..
dharati ka seena cheer ke ma,
paataal lok se aai hai .
isaki leela ka ant nahi,
kan-kan me yahi samay hai .
nirbal ko shakti deti hai,
yah shakti atul tumhaari hai .
jay ma sheraavaali jay ma jyotaavaalee