Lyrics - Patriotic Bhajans





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प्रीतम बोलो कब आओगे॥
बालम बोलो कब आओगे॥
ज़री की पगड़ी बाँधे, सुंदर आँखों वाला,
कितना सुंदर लागे बिहारी कितना लागे
किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए।
जुबा पे राधा राधा राधा नाम हो जाए॥
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
नटवर नागर नंदा, भजो रे मन गोविंदा
शयाम सुंदर मुख चंदा, भजो रे मन गोविंदा
मोहे आन मिलो श्याम, बहुत दिन बीत गए।
बहुत दिन बीत गए, बहुत युग बीत गए ॥
मेरी करुणामयी सरकार पता नहीं क्या दे
क्या दे दे भई, क्या दे दे
सारी दुनियां है दीवानी, राधा रानी आप
कौन है, जिस पर नहीं है, मेहरबानी आप की
अपनी वाणी में अमृत घोल
अपनी वाणी में अमृत घोल
मेरी रसना से राधा राधा नाम निकले,
हर घडी हर पल, हर घडी हर पल।
श्री राधा हमारी गोरी गोरी, के नवल
यो तो कालो नहीं है मतवारो, जगत उज्य
जिंदगी एक किराये का घर है,
एक न एक दिन बदलना पड़ेगा॥
किसी को भांग का नशा है मुझे तेरा नशा है,
भोले ओ शंकर भोले मनवा कभी न डोले,
इक तारा वाजदा जी हर दम गोविन्द गोविन्द
जग ताने देंदा ए, तै मैनु कोई फरक नहीं
तेरा गम रहे सलामत मेरे दिल को क्या कमी
यही मेरी ज़िंदगी है, यही मेरी बंदगी है
कोई कहे गोविंदा कोई गोपाला,
मैं तो कहूँ सांवरिया बांसुरी वाला ।
मेरा अवगुण भरा रे शरीर,
हरी जी कैसे तारोगे, प्रभु जी कैसे
रसिया को नार बनावो री रसिया को
रसिया को नार बनावो री रसिया को
मेरे जीवन की जुड़ गयी डोर, किशोरी तेरे
किशोरी तेरे चरणन में, महारानी तेरे
मेरे बांके बिहारी बड़े प्यारे लगते
कही नज़र न लगे इनको हमारी
कहना कहना आन पड़ी मैं तेरे द्वार ।
मुझे चाकर समझ निहार ॥
दिल की हर धड़कन से तेरा नाम निकलता है
तेरे दर्शन को मोहन तेरा दास तरसता है
राधे मोरी बंसी कहा खो गयी,
कोई ना बताये और शाम हो गयी,
बृज के नंदलाला राधा के सांवरिया,
सभी दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया।
मेरी विनती यही है राधा रानी, कृपा
मुझे तेरा ही सहारा महारानी, चरणों से
सांवरिया है सेठ ,मेरी राधा जी सेठानी
यह तो सारी दुनिया जाने है
श्यामा प्यारी मेरे साथ हैं,
फिर डरने की क्या बात है
शिव समा रहे मुझमें
और मैं शून्य हो रहा हूँ
सज धज कर जिस दिन मौत की शहजादी आएगी,
ना सोना काम आएगा, ना चांदी आएगी।
मेरा यार यशुदा कुंवर हो चूका है
वो दिल हो चूका है जिगर हो चूका है

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घड़ी घड़ी और पल पल नाम रटूं मैं तेरा,
श्याम तेरा दास तेरा, मेरा तेरे भरोसे
भक्तों ने मिलकर,
माँ की ज्योत जगाई है,
वृन्दावन में हुक्म चले बरसाने वाली का,
कान्हा भी दिवाना है श्री राधे रानी का...
हम है तेरे दर के जोगी,
तेरे दर्शन के है लोभी,
मैंने आंगन नहीं बुहारा कैसे आएंगे
चंचल मन को नहीं संभाला कैसे आएंगे