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हो मेरी लाडो का नाम श्री राधा
श्री राधा श्री राधा, श्री राधा श्री
राधे तु कितनी प्यारी है ॥
तेरे संग में बांके बिहारी कृष्ण
किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए।
जुबा पे राधा राधा राधा नाम हो जाए॥
बृज के नन्द लाला राधा के सांवरिया
सभी दुख: दूर हुए जब तेरा नाम लिया
जा जा वे ऊधो तुरेया जा
दुखियाँ नू सता के की लैणा
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से
गोविन्द नाम लेकर, फिर प्राण तन से
शिव कैलाशों के वासी, धौलीधारों के राजा
शंकर संकट हारना, शंकर संकट हारना
मेरे बांके बिहारी बड़े प्यारे लगते
कही नज़र न लगे इनको हमारी
सज धज कर जिस दिन मौत की शहजादी आएगी,
ना सोना काम आएगा, ना चांदी आएगी।
अरे बदलो ले लूँगी दारी के,
होरी का तोहे बड़ा चाव...
हम प्रेम दीवानी हैं, वो प्रेम दीवाना।
ऐ उधो हमे ज्ञान की पोथी ना सुनाना॥
सांवरे से मिलने का, सत्संग ही बहाना है,
चलो सत्संग में चलें, हमें हरी गुण गाना
बृज के नंदलाला राधा के सांवरिया,
सभी दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया।
तू राधे राधे गा ,
तोहे मिल जाएं सांवरियामिल जाएं
मैं तो तुम संग होरी खेलूंगी, मैं तो तुम
वा वा रे रासिया, वा वा रे छैला
दुनिया का बन कर देख लिया, श्यामा का बन
राधा नाम में कितनी शक्ति है, इस राह पर
श्री राधा हमारी गोरी गोरी, के नवल
यो तो कालो नहीं है मतवारो, जगत उज्य
मीठे रस से भरी रे, राधा रानी लागे,
मने कारो कारो जमुनाजी रो पानी लागे
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार,
यहाँ से गर जो हरा कहाँ जाऊँगा सरकार
ये तो बतादो बरसानेवाली,मैं कैसे
तेरी कृपा से है यह जीवन है मेरा,कैसे
राधे तेरे चरणों की अगर धूल जो मिल जाए
सच कहता हू मेरी तकदीर बदल जाए
लाली की सुनके मैं आयी
कीरत मैया दे दे बधाई
Ye Saare Khel Tumhare Hai Jag
Kahta Khel Naseebo Ka
राधा नाम की लगाई फुलवारी, के पत्ता
के पत्ता पत्ता श्याम बोलता, के पत्ता
हम प्रेम नगर के बंजारिन है
जप ताप और साधन क्या जाने
वृन्दावन के बांके बिहारी,
हमसे पर्दा करो ना मुरारी ।
हम हाथ उठाकर कह देंगे हम हो गये राधा
राधा राधा राधा राधा
कारे से लाल बनाए गयी रे,
गोरी बरसाने वारी
इक तारा वाजदा जी हर दम गोविन्द गोविन्द
जग ताने देंदा ए, तै मैनु कोई फरक नहीं
तीनो लोकन से न्यारी राधा रानी हमारी।
राधा रानी हमारी, राधा रानी हमारी॥

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आज ब्रज में होरी रे रसिया,
होरी रे होरी रे बरजोरी रे रसिया...
मैया तेरे मंदिरों का मैंने गुण गाया है
तेरी सूरत को मां दिल में बसाया है
हनुमत जैसा रुप तुम्हारा, कोठारी कुल
हो माँ छगनी का प्यारा, भक्तो का
कभी लो खबर हमारी,
कभी हाल पूछ जाओ,
चारों धाम से निराला अवधपुरी धाम,
रानी सीता के संग विराजे राजा राम...