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रसिया को नार बनावो री रसिया को
रसिया को नार बनावो री रसिया को
ये सारे खेल तुम्हारे है
जग कहता खेल नसीबों का
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से
गोविन्द नाम लेकर, फिर प्राण तन से
सांवरिया है सेठ ,मेरी राधा जी सेठानी
यह तो सारी दुनिया जाने है
फूलों में सज रहे हैं, श्री वृन्दावन
और संग में सज रही है वृषभानु की
मेरी करुणामयी सरकार पता नहीं क्या दे
क्या दे दे भई, क्या दे दे
प्रभु कर कृपा पावँरी दीन्हि
सादर भारत शीश धरी लीन्ही
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
जा जा वे ऊधो तुरेया जा
दुखियाँ नू सता के की लैणा
दाता एक राम, भिखारी सारी दुनिया ।
राम एक देवता, पुजारी सारी दुनिया ॥
मेरी रसना से राधा राधा नाम निकले,
हर घडी हर पल, हर घडी हर पल।
तुम रूठे रहो मोहन,
हम तुमको मन लेंगे
राधे राधे बोल, श्याम भागे चले आयंगे।
एक बार आ गए तो कबू नहीं जायेंगे ॥
शिव समा रहे मुझमें
और मैं शून्य हो रहा हूँ
कोई कहे गोविंदा कोई गोपाला,
मैं तो कहूँ सांवरिया बांसुरी वाला ।
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
तेरा पल पल बिता जाए रे
मुख से जप ले नमः शवाए
मीठी मीठी मेरे सांवरे की मुरली बाजे,
होकर श्याम की दीवानी राधा रानी नाचे
किसी को भांग का नशा है मुझे तेरा नशा है,
भोले ओ शंकर भोले मनवा कभी न डोले,
श्यामा तेरे चरणों की गर धूल जो मिल
सच कहता हूँ मेरी तकदीर बदल जाए॥
Ye Saare Khel Tumhare Hai Jag
Kahta Khel Naseebo Ka
आज बृज में होली रे रसिया।
होरी रे रसिया, बरजोरी रे रसिया॥
कोई पकड़ के मेरा हाथ रे,
मोहे वृन्दावन पहुंच देओ ।
शिव कैलाशों के वासी, धौलीधारों के राजा
शंकर संकट हारना, शंकर संकट हारना
राधा ढूंढ रही किसी ने मेरा श्याम देखा
श्याम देखा घनश्याम देखा
कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना
मेरा मन ही ना लागे तुम्हारे बिना
मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकाना
तुझे मिल गया पुजारी, मुझे मिल गया
राधा नाम की लगाई फुलवारी, के पत्ता
के पत्ता पत्ता श्याम बोलता, के पत्ता
ज़री की पगड़ी बाँधे, सुंदर आँखों वाला,
कितना सुंदर लागे बिहारी कितना लागे
मेरी बाँह पकड़ लो इक बार,सांवरिया
मैं तो जाऊँ तुझ पर कुर्बान, सांवरिया

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तीन लोक में सबसे दयालु शिव शंकर
ऐसा कोई नहीं है महान, ऐसा कोई नहीं है
बांके बांके बिहारी बन गया ढोली, भांत
लगदा सोहना जट पंजाबी, मैं बलिहारी
ब्रज में धूम मजे धीरे धीरे,
श्याम तेरी बंसी बजे धीरे धीरे॥
अंगूठी मेरे पति की या पे लिखो राम का
लिखो राम को नाम या पे लिखो राम को नाम,
कर गया कान्हा मिलान का वादा,
जमुना किनारे खड़ी है कब से राधा,