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श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम
लोग करें मीरा को यूँ ही बदनाम
हम प्रेम नगर के बंजारिन है
जप ताप और साधन क्या जाने
तेरा गम रहे सलामत मेरे दिल को क्या कमी
यही मेरी ज़िंदगी है, यही मेरी बंदगी है
सारी दुनियां है दीवानी, राधा रानी आप
कौन है, जिस पर नहीं है, मेहरबानी आप की
सांवरे से मिलने का, सत्संग ही बहाना है,
चलो सत्संग में चलें, हमें हरी गुण गाना
हो मेरी लाडो का नाम श्री राधा
श्री राधा श्री राधा, श्री राधा श्री
अपनी वाणी में अमृत घोल
अपनी वाणी में अमृत घोल
बांके बिहारी की देख छटा,
मेरो मन है गयो लटा पटा।
एक कोर कृपा की करदो स्वामिनी श्री
दासी की झोली भर दो लाडली श्री राधे॥
आप आए नहीं और सुबह हो मई
मेरी पूजा की थाली धरी रह गई
अच्युतम केशवं राम नारायणं,
कृष्ण दमोधराम वासुदेवं हरिं,
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से
गोविन्द नाम लेकर, फिर प्राण तन से
राधिका गोरी से ब्रिज की छोरी से ,
मैया करादे मेरो ब्याह,
मीठे रस से भरी रे, राधा रानी लागे,
मने कारो कारो जमुनाजी रो पानी लागे
मेरी विनती यही है राधा रानी, कृपा
मुझे तेरा ही सहारा महारानी, चरणों से
मुँह फेर जिधर देखु मुझे तू ही नज़र आये
हम छोड़के दर तेरा अब और किधर जाये
सत्यम शिवम सुन्दरम
सत्य ही शिव है, शिव ही सुन्दर है
वृंदावन में हुकुम चले बरसाने वाली का,
कान्हा भी दीवाना है श्री श्यामा
ज़िंदगी मे हज़ारो का मेला जुड़ा
हंस जब जब उड़ा तब अकेला उड़ा
जय राधे राधे, राधे राधे
जय राधे राधे, राधे राधे
सांवरियो है सेठ, म्हारी राधा जी सेठानी
यह तो जाने दुनिया सारी है
श्यामा प्यारी मेरे साथ हैं,
फिर डरने की क्या बात है
मेरी करुणामयी सरकार पता नहीं क्या दे
क्या दे दे भई, क्या दे दे
मेरे बांके बिहारी बड़े प्यारे लगते
कही नज़र न लगे इनको हमारी
कोई कहे गोविंदा, कोई गोपाला।
मैं तो कहुँ सांवरिया बाँसुरिया वाला॥
राधा नाम की लगाई फुलवारी, के पत्ता
के पत्ता पत्ता श्याम बोलता, के पत्ता
तमन्ना यही है के उड के बरसाने आयुं मैं
आके बरसाने में तेरे दिल की हसरतो को
सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया
दिल दीवाना हो गया, दिल दीवाना हो गया ॥
नटवर नागर नंदा, भजो रे मन गोविंदा
शयाम सुंदर मुख चंदा, भजो रे मन गोविंदा
सब हो गए भव से पार, लेकर नाम तेरा
नाम तेरा हरि नाम तेरा, नाम तेरा हरि नाम

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तेरे प्रेम का मुझपे,
हुआ ये असर है,
नाथ ये वो ही है रघुनाथ,
जिसने मारा है बाली,
गणपती जी तुम्हारे चरणों में,
हम मिलकर शीश झुकाते है
कैसे जाऊं खेलन को होरी,
सखी कान्हा करे बरजोरी...
मैंने सारे सहारे छोड़ दिए,
भोले तेरा सहारा काफी है,