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मेरी विनती यही है राधा रानी, कृपा
मुझे तेरा ही सहारा महारानी, चरणों से
तेरे दर की भीख से है,
मेरा आज तक गुज़ारा
अपने दिल का दरवाजा हम खोल के सोते है
सपने में आ जाना मईया,ये बोल के सोते है
राधा नाम की लगाई फुलवारी, के पत्ता
के पत्ता पत्ता श्याम बोलता, के पत्ता
सत्यम शिवम सुन्दरम
सत्य ही शिव है, शिव ही सुन्दर है
रंगीलो राधावल्लभ लाल, जै जै जै श्री
विहरत संग लाडली बाल, जै जै जै श्री
यह मेरी अर्जी है,
मैं वैसी बन जाऊं जो तेरी मर्ज़ी है
ज़िंदगी मे हज़ारो का मेला जुड़ा
हंस जब जब उड़ा तब अकेला उड़ा
रसिया को नार बनावो री रसिया को
रसिया को नार बनावो री रसिया को
मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकाना
तुझे मिल गया पुजारी, मुझे मिल गया
मुझे रास आ गया है,
तेरे दर पे सर झुकाना
मेरा अवगुण भरा शरीर, कहो ना कैसे
कैसे तारोगे प्रभु जी मेरो, प्रभु जी
श्याम बंसी ना बुल्लां उत्ते रख अड़ेया
तेरी बंसी पवाडे पाए लख अड़ेया ।
तू कितनी अच्ची है, तू कितनी भोली है,
ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ ।
कोई पकड़ के मेरा हाथ रे,
मोहे वृन्दावन पहुंच देओ ।
इक तारा वाजदा जी हर दम गोविन्द गोविन्द
जग ताने देंदा ए, तै मैनु कोई फरक नहीं
तू राधे राधे गा ,
तोहे मिल जाएं सांवरियामिल जाएं
जीवन खतम हुआ तो जीने का ढंग आया
जब शमा बुझ गयी तो महफ़िल में रंग आया
राधा ढूंढ रही किसी ने मेरा श्याम देखा
श्याम देखा घनश्याम देखा
आप आए नहीं और सुबह हो मई
मेरी पूजा की थाली धरी रह गई
श्याम बुलाये राधा नहीं आये,
आजा मेरी प्यारी राधे बागो में झूला
वृंदावन में हुकुम चले बरसाने वाली का,
कान्हा भी दीवाना है श्री श्यामा
सांवरिया है सेठ ,मेरी राधा जी सेठानी
यह तो सारी दुनिया जाने है
मुझे चढ़ गया राधा रंग रंग, मुझे चढ़ गया
श्री राधा नाम का रंग रंग, श्री राधा नाम
सब के संकट दूर करेगी, यह बरसाने वाली,
बजाओ राधा नाम की ताली ।
जिनको जिनको सेठ बनाया वो क्या
उनसे तो प्यार है हमसे तकरार है ।
बृज के नंदलाला राधा के सांवरिया,
सभी दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया।
ये तो बतादो बरसानेवाली,मैं कैसे
तेरी कृपा से है यह जीवन है मेरा,कैसे
एक दिन वो भोले भंडारी बन कर के ब्रिज की
पारवती भी मना कर ना माने त्रिपुरारी,
मुझे चाहिए बस सहारा तुम्हारा,
के नैनों में गोविन्द नज़ारा तुम्हार

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जिस घर के आँगन में तेरी ज्योत निराली
हर रोज़ वहाँ होली, हर रोज़ दिवाली है,
मुकद्दर मेरा बन ही गया,
भोले के दर से सबकुछ मिला,
तीनों लोकों में है सबसे निराला,
वो कान्हा मेरे मन बसता,
थारो बहुत बड़ो दरबार बाबा खूब सजो
म्हारे लीले रो असवार बाबो श्याम धनी
द्वारे पे तेरे आया, झोली पसारे,
ओ सुनले साई, दुनिया के पालनहारे