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सब के संकट दूर करेगी, यह बरसाने वाली,
बजाओ राधा नाम की ताली ।
सज धज कर जिस दिन मौत की शहजादी आएगी,
ना सोना काम आएगा, ना चांदी आएगी।
राधे मोरी बंसी कहा खो गयी,
कोई ना बताये और शाम हो गयी,
किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए।
जुबा पे राधा राधा राधा नाम हो जाए॥
गोवर्धन वासी सांवरे, गोवर्धन वासी
तुम बिन रह्यो न जाय, गोवर्धन वासी
सुबह सवेरे  लेकर तेरा नाम प्रभु,
करते है हम शुरु आज का काम प्रभु,
ऐसी होली तोहे खिलाऊँ
दूध छटी को याद दिलाऊँ
मेरा यार यशुदा कुंवर हो चूका है
वो दिल हो चूका है जिगर हो चूका है
सांवरियो है सेठ, म्हारी राधा जी सेठानी
यह तो जाने दुनिया सारी है
जगत में किसने सुख पाया
जो आया सो पछताया, जगत में किसने सुख
बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे,
कोई सोना की जो होती, हीरा मोत्यां की जो
रंग डालो ना बीच बाजार
श्याम मैं तो मर जाऊंगी
हर साँस में हो सुमिरन तेरा,
यूँ बीत जाये जीवन मेरा
दिल लूटके ले गया नी सहेलियो मेरा
मैं तक्दी रह गयी नी सहेलियो लगदा बड़ा
मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकाना
तुझे मिल गया पुजारी, मुझे मिल गया
शिव कैलाशों के वासी, धौलीधारों के राजा
शंकर संकट हारना, शंकर संकट हारना
लाडली अद्बुत नज़ारा तेरे बरसाने में
लाडली अब मन हमारा तेरे बरसाने में है।
मन चल वृंदावन धाम, रटेंगे राधे राधे
मिलेंगे कुंज बिहारी, ओढ़ के कांबल काली
श्री राधा हमारी गोरी गोरी, के नवल
यो तो कालो नहीं है मतवारो, जगत उज्य
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं
वो तो दशरथ राज दुलारे हैं
मुँह फेर जिधर देखु मुझे तू ही नज़र आये
हम छोड़के दर तेरा अब और किधर जाये
ये तो बतादो बरसानेवाली,मैं कैसे
तेरी कृपा से है यह जीवन है मेरा,कैसे
यह मेरी अर्जी है,
मैं वैसी बन जाऊं जो तेरी मर्ज़ी है
राधा नाम की लगाई फुलवारी, के पत्ता
के पत्ता पत्ता श्याम बोलता, के पत्ता
फूलों में सज रहे हैं, श्री वृन्दावन
और संग में सज रही है वृषभानु की
नटवर नागर नंदा, भजो रे मन गोविंदा
शयाम सुंदर मुख चंदा, भजो रे मन गोविंदा
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे दवार,
यहाँ से जो मैं हारा तो कहा जाऊंगा मैं
मेरी विनती यही है राधा रानी, कृपा
मुझे तेरा ही सहारा महारानी, चरणों से
कारे से लाल बनाए गयी रे,
गोरी बरसाने वारी
सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया
दिल दीवाना हो गया, दिल दीवाना हो गया ॥

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खाटू का कण कण यही बोले,
जय श्री श्याम जय श्री श्याम,
ओ हे महादेवी हे महामाई,
छाया तुम्हारी महसुखदायी,
तेरे रंग में रंगूँगी मेरे सांवरे,
मैं तेरी थी रहूंगी मेरे साँवरे,
पांचो उंगली से हाथ बना क्या राज छिपा
कहते ज्ञानी हर मानव का है राज छुपा इन
प्यारी सूरत जब से देखी मैं तो तेरा हो
मैं तो तेरा हो गया दादी, मैं तो तेरा हो