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ज़री की पगड़ी बाँधे, सुंदर आँखों वाला,
कितना सुंदर लागे बिहारी कितना लागे
नटवर नागर नंदा, भजो रे मन गोविंदा
शयाम सुंदर मुख चंदा, भजो रे मन गोविंदा
मेरे जीवन की जुड़ गयी डोर, किशोरी तेरे
किशोरी तेरे चरणन में, महारानी तेरे
यह मेरी अर्जी है,
मैं वैसी बन जाऊं जो तेरी मर्ज़ी है
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं
वो तो दशरथ राज दुलारे हैं
जिनको जिनको सेठ बनाया वो क्या
उनसे तो प्यार है हमसे तकरार है ।
शिव समा रहे मुझमें
और मैं शून्य हो रहा हूँ
वृन्दावन के बांके बिहारी,
हमसे पर्दा करो ना मुरारी ।
श्यामा प्यारी मेरे साथ हैं,
फिर डरने की क्या बात है
हे राम, हे राम, हे राम, हे राम
जग में साचे तेरो नाम । हे राम...
जिंदगी एक किराये का घर है,
एक न एक दिन बदलना पड़ेगा॥
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार,
यहाँ से गर जो हरा कहाँ जाऊँगा सरकार
तेरा गम रहे सलामत मेरे दिल को क्या कमी
यही मेरी ज़िंदगी है, यही मेरी बंदगी है
नी मैं दूध काहे नाल रिडका चाटी चो
लै गया नन्द किशोर लै गया,
रसिया को नार बनावो री रसिया को
रसिया को नार बनावो री रसिया को
किसी को भांग का नशा है मुझे तेरा नशा है,
भोले ओ शंकर भोले मनवा कभी न डोले,
सब हो गए भव से पार, लेकर नाम तेरा
नाम तेरा हरि नाम तेरा, नाम तेरा हरि नाम
हम हाथ उठाकर कह देंगे हम हो गये राधा
राधा राधा राधा राधा
मुझे चाहिए बस सहारा तुम्हारा,
के नैनों में गोविन्द नज़ारा तुम्हार
श्याम हमारे दिल से पूछो, कितना तुमको
याद में तेरी मुरली वाले, जीवन यूँ ही
सांवरे से मिलने का, सत्संग ही बहाना है,
चलो सत्संग में चलें, हमें हरी गुण गाना
सत्यम शिवम सुन्दरम
सत्य ही शिव है, शिव ही सुन्दर है
बृज के नंदलाला राधा के सांवरिया,
सभी दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया।
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे दवार,
यहाँ से जो मैं हारा तो कहा जाऊंगा मैं
हम प्रेम दीवानी हैं, वो प्रेम दीवाना।
ऐ उधो हमे ज्ञान की पोथी ना सुनाना॥
तुम रूठे रहो मोहन,
हम तुमको मन लेंगे
हर साँस में हो सुमिरन तेरा,
यूँ बीत जाये जीवन मेरा
ऐसी होली तोहे खिलाऊँ
दूध छटी को याद दिलाऊँ
जगत में किसने सुख पाया
जो आया सो पछताया, जगत में किसने सुख
मेरा यार यशुदा कुंवर हो चूका है
वो दिल हो चूका है जिगर हो चूका है

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राधा रो रो करे पुकार श्याम आ जाओ एक बार,
श्याम आ जाओ हरि आ जाओ,
खुशी सबको मिली भारी,
अवध में राम आये है,
तेरी आरती गाऊं मैं सजाकर थाली,
विनती तू सुन ले जग दे वाली,
ना दिल ए लागिया ना दिल ओ लागिया,
ओ जगराते दा हलवा,
बोली गौरा जी पुत्र गजानन से गजानन से,
अंदर आए ना कोई रोकना है तुझे,