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श्री राधा हमारी गोरी गोरी, के नवल
यो तो कालो नहीं है मतवारो, जगत उज्य
ज़िंदगी मे हज़ारो का मेला जुड़ा
हंस जब जब उड़ा तब अकेला उड़ा
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
तेरा पल पल बिता जाए रे
मुख से जप ले नमः शवाए
अपने दिल का दरवाजा हम खोल के सोते है
सपने में आ जाना मईया,ये बोल के सोते है
ज़री की पगड़ी बाँधे, सुंदर आँखों वाला,
कितना सुंदर लागे बिहारी कितना लागे
आज बृज में होली रे रसिया।
होरी रे रसिया, बरजोरी रे रसिया॥
तमन्ना यही है के उड के बरसाने आयुं मैं
आके बरसाने में तेरे दिल की हसरतो को
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं
वो तो दशरथ राज दुलारे हैं
सज धज कर जिस दिन मौत की शहजादी आएगी,
ना सोना काम आएगा, ना चांदी आएगी।
मीठे रस से भरी रे, राधा रानी लागे,
मने कारो कारो जमुनाजी रो पानी लागे
राधे राधे बोल, श्याम भागे चले आयंगे।
एक बार आ गए तो कबू नहीं जायेंगे ॥
इक तारा वाजदा जी हर दम गोविन्द गोविन्द
जग ताने देंदा ए, तै मैनु कोई फरक नहीं
तू कितनी अच्ची है, तू कितनी भोली है,
ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ ।
अच्युतम केशवं राम नारायणं,
कृष्ण दमोधराम वासुदेवं हरिं,
कोई कहे गोविंदा, कोई गोपाला।
मैं तो कहुँ सांवरिया बाँसुरिया वाला॥
सत्यम शिवम सुन्दरम
सत्य ही शिव है, शिव ही सुन्दर है
गोवर्धन वासी सांवरे, गोवर्धन वासी
तुम बिन रह्यो न जाय, गोवर्धन वासी
मोहे आन मिलो श्याम, बहुत दिन बीत गए।
बहुत दिन बीत गए, बहुत युग बीत गए ॥
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
मेरे बांके बिहारी बड़े प्यारे लगते
कही नज़र न लगे इनको हमारी
सब हो गए भव से पार, लेकर नाम तेरा
नाम तेरा हरि नाम तेरा, नाम तेरा हरि नाम
तुम रूठे रहो मोहन,
हम तुमको मन लेंगे
मेरा यार यशुदा कुंवर हो चूका है
वो दिल हो चूका है जिगर हो चूका है
राधा ढूंढ रही किसी ने मेरा श्याम देखा
श्याम देखा घनश्याम देखा
नी मैं दूध काहे नाल रिडका चाटी चो
लै गया नन्द किशोर लै गया,
किसी को भांग का नशा है मुझे तेरा नशा है,
भोले ओ शंकर भोले मनवा कभी न डोले,
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से
गोविन्द नाम लेकर, फिर प्राण तन से
शिव कैलाशों के वासी, धौलीधारों के राजा
शंकर संकट हारना, शंकर संकट हारना
श्यामा प्यारी मेरे साथ हैं,
फिर डरने की क्या बात है

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अरे जाढे ने जुलम सताई,
भरवा देऔ श्याम रजाई॥
रे मन मूरख तुझ से अपना पहचाना नहीं राम
अपना अपना कहतेकहते जीवन बीत तमाम गया...
ढोलिया वे ढोलिया ढोल बजा,
कोई चकमी बजा दे ताल, आज असी पाणा भंगड़ा,
काम कोई भी कर नहीं पाया, घूम लिया संसार
आखिर मेरा काम हुआ हैं नाकोड़ा दरबार
बड़ी दूर से दोड्यो आया बाबा जी थारे
बड़ी दूर से दोड्यो आयो श्याम धनी थारे