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काहे काया का करता गुमान रे,
सुबह शाम जपो राम जपो राम

काहे काया का करता गुमान रे,
सुबह शाम जपो राम जपो राम


हरि चरणों से प्रीत लगा के,
जीवन सफल बना अपना,
रहा हरि से सदा अनजान रे,
सुबह शाम जपो राम जपो राम

खेलों में सब उम्र गंवा दी,
राम भजन ना किया तूने,
किया माया का तूने अभिमान रे,
सुबह शाम जपो राम जपो राम

पूर्व जनम के पुण्य के कारण,
यह मानव तन पाया है,
काहे भुला है तू हरि नाम रे,
सुबह शाम जपो राम जपो राम

हरि भक्ति के अमृत की जो,
एक बूंद भी तू पीले,
पुरे होंगे तेरे अरमान रे,
सुबह शाम जपो राम जपो राम...

काहे काया का करता गुमान रे,
सुबह शाम जपो राम जपो राम




kaahe kaaya ka karata gumaan re,
subah shaam japo ram japo ram

kaahe kaaya ka karata gumaan re,
subah shaam japo ram japo ram


hari charanon se preet laga ke,
jeevan sphal bana apana,
raha hari se sada anajaan re,
subah shaam japo ram japo ram

khelon me sab umr ganva di,
ram bhajan na kiya toone,
kiya maaya ka toone abhimaan re,
subah shaam japo ram japo ram

poorv janam ke puny ke kaaran,
yah maanav tan paaya hai,
kaahe bhula hai too hari naam re,
subah shaam japo ram japo ram

hari bhakti ke amarat ki jo,
ek boond bhi too peele,
pure honge tere aramaan re,
subah shaam japo ram japo ram...

kaahe kaaya ka karata gumaan re,
subah shaam japo ram japo ram




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