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रो रो कर श्याम तुम्हे आवाज़ लगाता हूँ,
क्यों सुनते नहीं मोहन मैं तुमको बुलाता हूँ...

रो रो कर श्याम तुम्हे आवाज़ लगाता हूँ,
क्यों सुनते नहीं मोहन मैं तुमको बुलाता हूँ...


अपने इस सेवक पर इतना ना ज़ुलम करो,
कमज़ोर बड़ा हूँ मैं थोड़ा तो रहम करो,
कैसे अब क्या मैं करूँ कुछ समझ ना पाटा हूँ,
क्यों सुनते नहीं मोहन मैं तुमको बुलाता हूँ...

करके कोशिश लाखों आखिर मैं हार गया,
दुनिया पूछे मुझसे कहाँ तेरा यार गया,
आने वाला है तू दिल को समझाता हूँ,
क्यों सुनते नहीं मोहन मैं तुमको बुलाता हूँ...

उल्फत में छोड़ दिया तुमने क्यों साथ मेरा,
क्या तरस नहीं आया यूँ देख के हाल मेरा,
माधव तेरे चरणों में दुःख अपने सुनाता हूँ,
क्यों सुनते नहीं मोहन मैं तुमको बुलाता हूँ...

रो रो कर श्याम तुम्हे आवाज़ लगाता हूँ,
क्यों सुनते नहीं मोहन मैं तुमको बुलाता हूँ...




ro ro kar shyaam tumhe aavaaz lagaata hoon,
kyon sunate nahi mohan maintumako bulaata hoon...

ro ro kar shyaam tumhe aavaaz lagaata hoon,
kyon sunate nahi mohan maintumako bulaata hoon...


apane is sevak par itana na zulam karo,
kamazor bada hoon mainthoda to raham karo,
kaise ab kya mainkaroon kuchh samjh na paata hoon,
kyon sunate nahi mohan maintumako bulaata hoon...

karake koshish laakhon aakhir mainhaar gaya,
duniya poochhe mujhase kahaan tera yaar gaya,
aane vaala hai too dil ko samjhaata hoon,
kyon sunate nahi mohan maintumako bulaata hoon...

ulphat me chhod diya tumane kyon saath mera,
kya taras nahi aaya yoon dekh ke haal mera,
maadhav tere charanon me duhkh apane sunaata hoon,
kyon sunate nahi mohan maintumako bulaata hoon...

ro ro kar shyaam tumhe aavaaz lagaata hoon,
kyon sunate nahi mohan maintumako bulaata hoon...




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