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चारों ललना प्रकट भये आज, अवध में लडुआ बटें,
अरे झीनो झीनो उडत गुलाल अवध में लडुआ बटें ,

चारों ललना प्रकट भये आज, अवध में लडुआ बटें,
अरे झीनो झीनो उडत गुलाल अवध में लडुआ बटें ,

मुतियन चौक पुराओ सारी बहना,
परदा लगाओ लडीदार,
अवध में लडुआ बटें,

गैया के दूध की खीर बनाओ,
और ब्राह्मण जिमाओ, हजार,
अवध में लडुआ बटें ,

स्वर - पं पूज्य श्री अशोक कृष्ण ठाकुर जी



charon lalna prakat bhaye aaj avadh me ladooua bate

chaaron lalana prakat bhaye aaj, avdh me ladua baten,
are jheeno jheeno udat gulaal avdh me ladua baten


mutiyan chauk puraao saari bahana,
parada lagaao ladeedaar,
avdh me ladua baten

gaiya ke doodh ki kheer banaao,
aur braahaman jimaao, hajaar,
avdh me ladua baten

chaaron lalana prakat bhaye aaj, avdh me ladua baten,
are jheeno jheeno udat gulaal avdh me ladua baten




charon lalna prakat bhaye aaj avadh me ladooua bate Lyrics





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