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दादा प्रेम के भुखे हैं

ना हीरो के हार, ना सोने के दरबार,
ना चांदी के श्रृंगार, दादा प्रेम के भुखे हैं ।
मन में सच्चा प्यार, और सीधा सा व्यवहार,
और अहम ना भटके पास, दादा प्रेम के भुखे हैं ॥

जो पुष्प ना पास तुम्हारे, वाणी को पुष्प बनालो,
पुष्पो का हार बनाकर, उनके चरणों में चढ़ा दो,
खुश होकर मेरे दादा, कर लेगा उन्हें स्वीकार ॥
ना हीरो के हार, ना सोने के दरबार,
ना चांदी के श्रृंगार, दादा प्रेम के भुखे हैं..

दादा की कृपा हो जाती, मिट्टी सोना बन जाती,
लोहा कंचन हो जाता, जो इनका आशीष पाता,
तु भजले, तु पा ले, मेरे दादा गुरु का प्यार ॥
ना हीरो के हार, ना सोने के दरबार,
ना चांदी के श्रृंगार, दादा प्रेम के भुखे हैं..

जो छल लेकर यहां आता, वो खुद ही छला रह जाता,
तेरी लीला अजब निराली, ये भक्त भी अर्ज लगाता,
मेरी गलती माफ करना, और लुटा दे अपना प्यार ॥
ना हीरो के हार, ना सोने के दरबार,
ना चांदी के श्रृंगार, दादा प्रेम के भुखे हैं..



dada prem ke bhukhe hai

na heero ke haar, na sone ke darabaar,
na chaandi ke shrrangaar, daada prem ke bhukhe hain
man me sachcha pyaar, aur seedha sa vyavahaar,
aur aham na bhatake paas, daada prem ke bhukhe hain ..


jo pushp na paas tumhaare, vaani ko pushp banaalo,
pushpo ka haar banaakar, unake charanon me chadaha do,
khush hokar mere daada, kar lega unhen sveekaar ..
na heero ke haar, na sone ke darabaar,
na chaandi ke shrrangaar, daada prem ke bhukhe hain..

daada ki kripa ho jaati, mitti sona ban jaati,
loha kanchan ho jaata, jo inaka aasheesh paata,
tu bhajale, tu pa le, mere daada guru ka pyaar ..
na heero ke haar, na sone ke darabaar,
na chaandi ke shrrangaar, daada prem ke bhukhe hain..

jo chhal lekar yahaan aata, vo khud hi chhala rah jaata,
teri leela ajab niraali, ye bhakt bhi arj lagaata,
meri galati maaph karana, aur luta de apana pyaar ..
na heero ke haar, na sone ke darabaar,
na chaandi ke shrrangaar, daada prem ke bhukhe hain..

na heero ke haar, na sone ke darabaar,
na chaandi ke shrrangaar, daada prem ke bhukhe hain
man me sachcha pyaar, aur seedha sa vyavahaar,
aur aham na bhatake paas, daada prem ke bhukhe hain ..




dada prem ke bhukhe hai Lyrics





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