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हर ग्यारस मे हॉवे बाबा का खूब शृंगार

हर ग्यारस मे हॉवे बाबा का खूब शृंगार,
खाटू में लगता है मेला आवे भक्त अपार,

जनवरी फ़रबरी के महीने जो दर्शन थारो पावे.,
उसके घर खुशियां खुशियां श्याम धनि वरसावे,
हर ग्यारस मे हॉवे बाबा का खूब शृंगार

फाग महीने की ग्यारस में लागे फागुन मेला,
दूर दूर से दर्शन को आवे भगतो का रेला,
हर ग्यारस मे हॉवे बाबा का खूब शृंगार

अप्रैल और मई की ग्यारस भर देती है झोली,
श्याम ध्वजा लेकर चलती है जब भगतो की टोली,
हर ग्यारस मे हॉवे बाबा का खूब शृंगार

जून जुलाई और अगस्त में बरसे रिम झिम पानी,
देता है वरदान दिया का बाबा शीश का दानी,
हर ग्यारस मे हॉवे बाबा का खूब शृंगार

सप्तम्बर ओक्टुबर का मौसम होता है प्यारा,
श्याम धनि बिन रहु अकेला ये नहीं मुझे गवारा,
हर ग्यारस मे हॉवे बाबा का खूब शृंगार

साल के अंतिम दो महीने चरणों में तेरे बिताऊ,
ऐसा लागे छोड़ के सब कुछ खाटू में मैं वस् जाऊ,
हर ग्यारस मे हॉवे बाबा का खूब शृंगार



har gyaaras me howe baba ka khub shingaar

har gyaaras me hve baaba ka khoob sharangaar,
khatu me lagata hai mela aave bhakt apaar


janavari paharabari ke maheene jo darshan thaaro paave.,
usake ghar khushiyaan khushiyaan shyaam dhani varasaave,
har gyaaras me hve baaba ka khoob sharangaar

phaag maheene ki gyaaras me laage phaagun mela,
door door se darshan ko aave bhagato ka rela,
har gyaaras me hve baaba ka khoob sharangaar

aprail aur mi ki gyaaras bhar deti hai jholi,
shyaam dhavaja lekar chalati hai jab bhagato ki toli,
har gyaaras me hve baaba ka khoob sharangaar

joon julaai aur agast me barase rim jhim paani,
deta hai varadaan diya ka baaba sheesh ka daani,
har gyaaras me hve baaba ka khoob sharangaar

saptambar oktubar ka mausam hota hai pyaara,
shyaam dhani bin rahu akela ye nahi mujhe gavaara,
har gyaaras me hve baaba ka khoob sharangaar

saal ke antim do maheene charanon me tere bitaaoo,
aisa laage chhod ke sab kuchh khatu me mainvas jaaoo,
har gyaaras me hve baaba ka khoob sharangaar

har gyaaras me hve baaba ka khoob sharangaar,
khatu me lagata hai mela aave bhakt apaar




har gyaaras me howe baba ka khub shingaar Lyrics





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