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हम करें राष्ट आराधना,
तन से मन से धन से,

हम करें राष्ट आराधना,
तन से मन से धन से,
तन मन धन जीवन से,
हम करें राष्ट आराधना ॥

अन्तर से मुख से कृती से,
निश्र्चल हो निर्मल मति से,
श्रध्धा से मस्तक नत से,
हम करें राष्ट अभिवादन ॥

अपने हंसते शैशव से
अपने खिलते यौवन से
प्रौढता पूर्ण जीवन से
हम करें राष्ट का अर्चन ॥

अपने अतीत को पढकर
अपना ईतिहास उलटकर
अपना भवितव्य समझकर
हम करें राष्ट का चिंतन ॥

है याद हमें युग युग की जलती अनेक घटनायें,
जो मां के सेवा पथ पर आई बनकर विपदायें,
हमने अभिषेक किया था जननी का अरिशोणित से,
हमने शृंगार किया था माता का अरिमुंडो से,

हमने ही ऊसे दिया था सांस्कृतिक उच्च सिंहासन,
मां जिस पर बैठी सुख से करती थी जग का शासन,
अब काल चक्र की गति से वह टूट गया सिंहासन,
अपना तन मन धन देकर हम करें,
पुन: संस्थापन



hum karen rashtra aaradhan tan se man se dhan se

ham karen raasht aaraadhana,
tan se man se dhan se,
tan man dhan jeevan se,
ham karen raasht aaraadhana ..


antar se mukh se kriti se,
nishrchal ho nirmal mati se,
shrdhdha se mastak nat se,
ham karen raasht abhivaadan ..

apane hansate shaishav se
apane khilate yauvan se
praudhata poorn jeevan se
ham karen raasht ka archan ..

apane ateet ko pdhakar
apana eetihaas ulatakar
apana bhavitavy samjhakar
ham karen raasht ka chintan ..

hai yaad hame yug yug ki jalati anek ghatanaayen,
jo maan ke seva pth par aai banakar vipadaayen,
hamane abhishek kiya tha janani ka arishonit se,
hamane sharangaar kiya tha maata ka arimundo se

hamane hi oose diya tha saanskritik uchch sinhaasan,
maan jis par baithi sukh se karati thi jag ka shaasan,
ab kaal chakr ki gati se vah toot gaya sinhaasan,
apana tan man dhan dekar ham karen

ham karen raasht aaraadhana,
tan se man se dhan se,
tan man dhan jeevan se,
ham karen raasht aaraadhana ..




hum karen rashtra aaradhan tan se man se dhan se Lyrics





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