कन्हिया कन्हिया पुकारा करेंगे,
लताओं में बृज की गुज़ारा करेंगे ।
अगर रूठ जायेंगे हम से बिहारी,
चरण पड़ उनको मनाया करेंगे ।
बनायेंगे ह्रदय में हम प्रेम मंदिर ।
प्रेम के झूले पे झुलाया करेंगे ॥
उन्होंने छुडाए थे गज के वो बंधन ।
वोही मेरे बंधन छुड़ाया करेंगे ॥
उन्हें प्रेम डोरी से हम बाँध लेंगे ।
फिर कैसे वो भाग जाया करेंगे ॥
कभी तो मिलेंगे वो बांके बिहारी ।
उनके चरण चित्त बसाया करेंगे ॥
kanhiya kanhiya pukaara karenge,
lataaon me baraj ki guzaara karenge
agar rooth jaayenge ham se bihaari,
charan pad unako manaaya karenge
banaayenge haraday me ham prem mandir
prem ke jhoole pe jhulaaya karenge ..
unhonne chhudaae the gaj ke vo bandhan
vohi mere bandhan chhudaaya karenge ..
unhen prem dori se ham baandh lenge
phir kaise vo bhaag jaaya karenge ..
kbhi to milenge vo baanke bihaaree
unake charan chitt basaaya karenge ..
kanhiya kanhiya pukaara karenge,
lataaon me baraj ki guzaara karenge