करे सुमरण हम मैया का,
सभी अंधकार हरती हे,
सहारा ले लो मैया का,
सभी दुख दूर करती हे,
करे सुमरण हम मैया का.....
तू ही मेरा प्राण मे तेरी शरण,
मुझे मैया तू श्रेय देना
यूही हर पल करू सुमरण,
तू मैया लाज रख लेना,
चरणअमृत की सेवा से,
सभी दुख दुर करती है
करे सुमरण हम मैया का.....
करे सुमरण हम मैया का,
ना दुख नजदीक आयेगा,
रखे इस पर भरोसा हम,
हर बिगड़े काम बन जायेगा,
रहे मिलकर सदा हम,
सभी दुख दुर करती हे,
करे सुमरण हम मैया का......
करे हम मन तुझे अर्पण,
दिखे दे तू हमे दर्पण,
करे हम तेरा ही दर्शण,
करे हम ज्ञाण का अर्जण,
करे हम ध्यान मैया का,
सभी दुख दुर करती हे
करे सुमरण हम मैया का.....
तू हे मेरी माँ हम बालक हे तेरे,
निशि दिन ध्यान लगायेगे
तेरी आशीश कृपा से हम,
नित नव गान सजायेगे,
चंद्र अमृत की बूंदो से,
सृजण भी खास करती हे
करे सुमरण हम मैया का.....
गीत रचना - रामचन्द्र शर्मा
कुरावर मण्डी, जिला - राजगढ (म.प्र.
मोबाईल नं. -
kare sumaran ham maiya ka,
sbhi andhakaar harati he,
sahaara le lo maiya ka,
sbhi dukh door karati he,
kare sumaran ham maiya kaa...
too hi mera praan me teri sharan,
mujhe maiya too shrey denaa
yoohi har pal karoo sumaran,
too maiya laaj rkh lena,
charanamarat ki seva se,
sbhi dukh dur karati hai
kare sumaran ham maiya kaa...
kare sumaran ham maiya ka,
na dukh najadeek aayega,
rkhe is par bharosa ham,
har bigade kaam ban jaayega,
rahe milakar sada ham,
sbhi dukh dur karati he,
kare sumaran ham maiya kaa...
kare ham man tujhe arpan,
dikhe de too hame darpan,
kare ham tera hi darshan,
kare ham gyaan ka arjan,
kare ham dhayaan maiya ka,
sbhi dukh dur karati he
kare sumaran ham maiya kaa...
too he meri ma ham baalak he tere,
nishi din dhayaan lagaayege
teri aasheesh kripa se ham,
nit nav gaan sajaayege,
chandr amarat ki boondo se,
sarajan bhi khaas karati he
kare sumaran ham maiya kaa...
kare sumaran ham maiya ka,
sbhi andhakaar harati he,
sahaara le lo maiya ka,
sbhi dukh door karati he,
kare sumaran ham maiya kaa...