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श्री श्याम धनी की जिस घर में,
ये ज्योत जगाई जाती है,

श्री श्याम धनी की जिस घर में,
ये ज्योत जगाई जाती है,
उस घर का भक्तों क्या कहना,
हर पल खुशियाँ मुस्काती है॥


जो रोज सवेरे उठ करके,
श्री श्याम को शीश नवाते हैं,
जो नाम श्याम का लेकर के ही घर से बाहर जाते हैं,
ज्योति की भभूती श्रद्धा से,
माथे पे लगाई जाती है,
उस घर का भक्तों क्या कहना,
हर पल खुशियाँ मुस्काती है॥

जहाँ श्याम को भोग लगा करके,
भोजन को परोसा जाता है,
उस भोजन को कम ना समझो,
वो तो प्रसाद बन जाता है,
उसके तो इक इक दाने में,
उस घर का भक्तों क्या कहना,
हर पल खुशियाँ मुस्काती है॥

जो मन के सच्चे भावों से,
श्री श्याम को भजन सुनाते हैं,
कैसा उनका दीवाना पन,
तन मन की सुध बिसराते हैं,
जाहाँ माता अपने बच्चों से,
श्री श्यामश्याम बुलवाती है,
उस घर का भक्तों क्या कहना,
हर पल खुशियाँ मुस्काती है॥

ऐसे प्रेमी के घर में तो,
मेरा श्याम धणी बस जाता है,
उस घर की चिंता श्याम करे,
घर का मालिक बन जाता है,
‘बिन्नू’ उस घर के कणकण से,
मंदिर की खुशबू आती है,
उस घर का भक्तों क्या कहना,
हर पल खुशियाँ मुस्काती है॥

श्री श्याम धनी की जिस घर में,
ये ज्योत जगाई जाती है,
उस घर का भक्तों क्या कहना,
हर पल खुशियाँ मुस्काती है॥




shri shyaam dhani ki jis ghar me,
ye jyot jagaai jaati hai,

shri shyaam dhani ki jis ghar me,
ye jyot jagaai jaati hai,
us ghar ka bhakton kya kahana,
har pal khushiyaan muskaati hai..


jo roj savere uth karake,
shri shyaam ko sheesh navaate hain,
jo naam shyaam ka lekar ke hi ghar se baahar jaate hain,
jyoti ki bhbhooti shrddha se,
maathe pe lagaai jaati hai,
us ghar ka bhakton kya kahana,
har pal khushiyaan muskaati hai..

jahaan shyaam ko bhog laga karake,
bhojan ko parosa jaata hai,
us bhojan ko kam na samjho,
vo to prasaad ban jaata hai,
usake to ik ik daane me,
us ghar ka bhakton kya kahana,
har pal khushiyaan muskaati hai..

jo man ke sachche bhaavon se,
shri shyaam ko bhajan sunaate hain,
kaisa unaka deevaana pan,
tan man ki sudh bisaraate hain,
jaahaan maata apane bachchon se,
shri shyaamashyaam bulavaati hai,
us ghar ka bhakton kya kahana,
har pal khushiyaan muskaati hai..

aise premi ke ghar me to,
mera shyaam dhani bas jaata hai,
us ghar ki chinta shyaam kare,
ghar ka maalik ban jaata hai,
binnoo us ghar ke kanakan se,
mandir ki khushaboo aati hai,
us ghar ka bhakton kya kahana,
har pal khushiyaan muskaati hai..

shri shyaam dhani ki jis ghar me,
ye jyot jagaai jaati hai,
us ghar ka bhakton kya kahana,
har pal khushiyaan muskaati hai..




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