किणु संग खेलूं होली, पिया तज गए हैं अकेली
माणिक मोती सब हम छोड़े, गल में पहनी सेली
भोजन भवन बलो नहीं लागे, पिया कारण भई रे अकेली,
मुझे दूरी क्यों मेलि, पिया तज गए हैं अकेली
किणु संग खेलूं होली...
अब तुम प्रीत अवरसो जोड़ी, हम से करी क्यों पहेली
बहु दिन बीते अजहू आ आये, लगा रही ताला बेली
कीनू दिलमा ये हेली, पिया तज गए हैं अकेली
किणु संग खेलूं होली...
श्याम बिना जीयड़ो मुरझावे, जैसे जल बिन बेली
मीरा को प्रभु दर्शन दीजो, मैं तो जनम जनम की चेली
दरश बिना खड़ी दोहेली, पिया तज गए हैं अकेली
किणु संग खेलूं होली...
kinu sang kheloon holi, piya taj ge hain akelee
maanik moti sab ham chhode, gal me pahani selee
bhojan bhavan balo nahi laage, piya kaaran bhi re akeli,
mujhe doori kyon meli, piya taj ge hain akelee
kinu sang kheloon holi...
ab tum preet avaraso jodi, ham se kari kyon pahelee
bahu din beete ajahoo a aaye, laga rahi taala belee
keenoo dilama ye heli, piya taj ge hain akelee
kinu sang kheloon holi...
shyaam bina jeeyado murjhaave, jaise jal bin belee
meera ko prbhu darshan deejo, mainto janam janam ki chelee
darsh bina khadi doheli, piya taj ge hain akelee
kinu sang kheloon holi...
kinu sang kheloon holi, piya taj ge hain akelee