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क्यों सजते हो कन्हैया तुम तेरा दीदार काफी

क्यों सजते हो कन्हैया तुम तेरा दीदार काफी है
हमें दीवाना करने को नज़र का वार काफी है
क्यों सजते हो कन्हैया तुम....................

क्या उबटन केशरी जलवा क्यों चन्दन से सजे हो तुम
की ब्रिज की धुल में जुसरित तेरा श्रृंगार काफी है
क्यों सजते हो कन्हैया तुम....................

क्यों माथे स्वर्ण मानक और बहुमूलक मुकुट राखो
वो घुंघराले घने केशव पे मोर की पाख काफी है
क्यों सजते हो कन्हैया तुम....................

क्या चंपा मोगरा जूही वैजयंती माल गल पेहरो
श्री राधा जी की बहियन का तेरे गल हार काफी है
क्यों सजते हो कन्हैया तुम....................

ना छप्पन भोग की तृष्णा तुम्हे हरगिज़ नहीं कान्हा
तुम्हे तो तृप्त करने को एक तुलसी सार काफी है
क्यों सजते हो कन्हैया तुम....................

हो मोहक श्याम वर्णी तुम हो नामारूप घनश्यामा
तेरी कृपा को बरसाने को मन मल्हार काफी है
क्यों सजते हो कन्हैया तुम....................

कभी उर में हुआ गुंजन कहे कान्हा सुनले पवन
मैं तो बस भावना देखूं मुझे तो प्यार काफी है



kyu sajte ho kanhiyan tum tera dedar kaafi hai

kyon sajate ho kanhaiya tum tera deedaar kaaphi hai
hame deevaana karane ko nazar ka vaar kaaphi hai
kyon sajate ho kanhaiya tum...


kya ubatan keshari jalava kyon chandan se saje ho tum
ki brij ki dhul me jusarit tera shrrangaar kaaphi hai
kyon sajate ho kanhaiya tum...

kyon maathe svarn maanak aur bahumoolak mukut raakho
vo ghungharaale ghane keshav pe mor ki paakh kaaphi hai
kyon sajate ho kanhaiya tum...

kya chanpa mogara joohi vaijayanti maal gal peharo
shri radha ji ki bahiyan ka tere gal haar kaaphi hai
kyon sajate ho kanhaiya tum...

na chhappan bhog ki tarashna tumhe haragiz nahi kaanhaa
tumhe to tarapt karane ko ek tulasi saar kaaphi hai
kyon sajate ho kanhaiya tum...

ho mohak shyaam varni tum ho naamaaroop ghanashyaamaa
teri kripa ko barasaane ko man malhaar kaaphi hai
kyon sajate ho kanhaiya tum...

kbhi ur me hua gunjan kahe kaanha sunale pavan
mainto bas bhaavana dekhoon mujhe to pyaar kaaphi hai

kyon sajate ho kanhaiya tum tera deedaar kaaphi hai
hame deevaana karane ko nazar ka vaar kaaphi hai
kyon sajate ho kanhaiya tum...




kyu sajte ho kanhiyan tum tera dedar kaafi hai Lyrics





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