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Mere Satguru Deen Dayal
Kaag Se Hans Banate Hai

Mere Satguru Deen Dayal
Kaag Se Hans Banate Hai



Mere Satguru Deen Dayal
Kaag Se Hans Banate Hai

Aajab Hai Guruo Ka Darbar
Bhara Jaha Bhakti Ka Bhandar
Vachan Anmol Sunate Hai
Ki Man Ka Bharam Mitate Hai

Mere Satguru Deen Dayal
Kaag Se Hans Banate Hai

Guruji Dete Sabka Gyan
Guruji Dete Sat Ka Gyan
Jeev Ka Ho Ishwar Mein Dhyan
Ve Amrat Tej Pilate Hai
Man Ki Pyas Bujhate Hai

Mere Satguru Deen Dayal
Kaag Se Hans Banate Hai
Hans Banate Hai
Kaag Se Hans Banate Hai

Mere Satguru Deen Dayal
Kaag Se Hans Banate Hai

Karlo Guru Charano Ka Dhyan
Tumse Kahte Sant Bayan
Guru Sab Dosh Mitate Hai
Guru Sab Dukh Mitate Hai
Dukh Mitate Hai
Bhav Se Paar Lagate Hai
Bhav Se Paar lagate Hai

Mere Satguru Deen Dayal
Kaag Se Hans Banate Hai
Hans Banate Hai
Kaag Se Hans Banate Hai



Mere Satguru Deen Dayal Kaag Se Hans Banate Hai Gurudev Bhajan By Vijay Kaushalji Maharaj

mere sataguru deen dayal
kaag se hanas banate hai



mere sataguru deen dayal
kaag se hanas banate hai

aajab hai guruo k darabar
bhar jah bhakati k bhanadar
vacahan anamol sunate hai
ki man k bharam mitate hai

mere sataguru deen dayal
kaag se hanas banate hai

guruji dete sabak gyan
guruji dete sat k gyan
jeev k ho isahawar mein dhayan
ve amarat tej pilate hai
man ki pyas bujahate hai

mere sataguru deen dayal
kaag se hanas banate hai
hanas banate hai
kaag se hanas banate hai

mere sataguru deen dayal
kaag se hanas banate hai

karalo guru charano k dhayan
tumase kahate sanat bayan
guru sab dosah mitate hai
guru sab dukah mitate hai
dukah mitate hai
bhav se paar lagate hai
bhav se paar lagate hai

mere sataguru deen dayal
kaag se hanas banate hai
hanas banate hai
kaag se hanas banate hai







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