Download Bhajan as .txt File Download Bhajan as IMAGE File

नर तन फेर ना मिलेगो रे, बांधे क्यों गठड़िया प्राणी पाप की,

नर तन फेर ना मिलेगो रे, बांधे क्यों गठड़िया प्राणी पाप की,

बड़े भाग मानुष तन पायो भटक भटक चौरासी,
अब के दाव चूक जाए बंदे फेर पड़े गल फांसी,
डंडा पीठ पे पड़ेगा ये , बांधे क्यों गठड़िया...

दिन ऊगे से दिन डूबे तक बेहद करें कमाई,
छोरा छोरी की लालच में महल दिये बनवाई,
इनमें कैसे तो रहेगो रे , बांधे क्यों गठड़िया.......

माया के मद में आकर के,रोज मचावे दंगा,
एक दिन मरघट बीच ले जाएंगे कुटुम्ब करें तोय नंगा,
वा दिन चौड़े में फुकेगो रे ,बांधे क्यों गठड़िया......

देहरी तक तेरी तिरिया रोवे पोरी तक तेरी मैया,
तेरह दिन तक याद रहेगी कहे कबीर समझैया,
नाता यही तक रहेगो रे, बांधे क्यों गठड़िया........



nar tan pher naa milego re bandhe kyu gathdiyan paraani pap ki

nar tan pher na milego re, baandhe kyon gthadiya praani paap kee

bade bhaag maanush tan paayo bhatak bhatak chauraasi,
ab ke daav chook jaae bande pher pade gal phaansi,
danda peeth pe padega ye , baandhe kyon gthadiyaa...

din ooge se din doobe tak behad karen kamaai,
chhora chhori ki laalch me mahal diye banavaai,
iname kaise to rahego re , baandhe kyon gthadiyaa...

maaya ke mad me aakar ke,roj mchaave danga,
ek din marghat beech le jaaenge kutumb karen toy nanga,
va din chaude me phukego re ,baandhe kyon gthadiyaa...

dehari tak teri tiriya rove pori tak teri maiya,
terah din tak yaad rahegi kahe kabeer samjhaiya,
naata yahi tak rahego re, baandhe kyon gthadiyaa...

nar tan pher na milego re, baandhe kyon gthadiya praani paap kee



nar tan pher naa milego re bandhe kyu gathdiyan paraani pap ki Lyrics





Bhajan Lyrics View All

कहना कहना आन पड़ी मैं तेरे द्वार ।
मुझे चाकर समझ निहार ॥
दिल की हर धड़कन से तेरा नाम निकलता है
तेरे दर्शन को मोहन तेरा दास तरसता है
ज़रा छलके ज़रा छलके वृदावन देखो
ज़रा हटके ज़रा हटके ज़माने से देखो
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से
गोविन्द नाम लेकर, फिर प्राण तन से
जिनको जिनको सेठ बनाया वो क्या
उनसे तो प्यार है हमसे तकरार है ।
दाता एक राम, भिखारी सारी दुनिया ।
राम एक देवता, पुजारी सारी दुनिया ॥
राधे तेरे चरणों की अगर धूल जो मिल जाए
सच कहता हू मेरी तकदीर बदल जाए
एक दिन वो भोले भंडारी बन कर के ब्रिज की
पारवती भी मना कर ना माने त्रिपुरारी,
जगत में किसने सुख पाया
जो आया सो पछताया, जगत में किसने सुख
दुनिया का बन कर देख लिया, श्यामा का बन
राधा नाम में कितनी शक्ति है, इस राह पर
दिल लूटके ले गया नी सहेलियो मेरा
मैं तक्दी रह गयी नी सहेलियो लगदा बड़ा
सांवरे से मिलने का, सत्संग ही बहाना है,
चलो सत्संग में चलें, हमें हरी गुण गाना
वृदावन जाने को जी चाहता है,
राधे राधे गाने को जी चाहता है,
राधा ढूंढ रही किसी ने मेरा श्याम देखा
श्याम देखा घनश्याम देखा
अरे बदलो ले लूँगी दारी के,
होरी का तोहे बड़ा चाव...
सावरे से मिलने का सत्संग ही बहाना है ।
सारे दुःख दूर हुए, दिल बना दीवाना है ।
कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना
मेरा मन ही ना लागे तुम्हारे बिना
हर पल तेरे साथ मैं रहता हूँ,
डरने की क्या बात? जब मैं बैठा हूँ
प्रभु कर कृपा पावँरी दीन्हि
सादर भारत शीश धरी लीन्ही
जा जा वे ऊधो तुरेया जा
दुखियाँ नू सता के की लैणा
मुझे रास आ गया है,
तेरे दर पे सर झुकाना
राधे तु कितनी प्यारी है ॥
तेरे संग में बांके बिहारी कृष्ण
मन चल वृंदावन धाम, रटेंगे राधे राधे
मिलेंगे कुंज बिहारी, ओढ़ के कांबल काली
श्यामा प्यारी मेरे साथ हैं,
फिर डरने की क्या बात है
मेरी करुणामयी सरकार पता नहीं क्या दे
क्या दे दे भई, क्या दे दे
ये सारे खेल तुम्हारे है
जग कहता खेल नसीबों का
लाली की सुनके मैं आयी
कीरत मैया दे दे बधाई
गोवर्धन वासी सांवरे, गोवर्धन वासी
तुम बिन रह्यो न जाय, गोवर्धन वासी
श्याम बुलाये राधा नहीं आये,
आजा मेरी प्यारी राधे बागो में झूला
मुझे चढ़ गया राधा रंग रंग, मुझे चढ़ गया
श्री राधा नाम का रंग रंग, श्री राधा नाम

New Bhajan Lyrics View All

सावन की घटा घनघोर की रिमझिम बरसे चारों
झूला झूले जनक दुलारी झूला रहे अवध
सपने में हो गया रे कमाल,
मईया जी मेरे घर आ गयी,
म्हारा पियर में साहिबा,
बोई गणगौर,
जब दिल मेरा घबराता है,
मेरा बाबा दौड़ा आता है,
कृष्ण गोविन्द गोविन्द, गोपाल नन्दलाल,
कृष्ण गोविन्द गोविन्द, गोपाल नन्दलाल