चुपके से में पकड लाइ कान्हा ने आकर पोली में,
रंग गयो श्याम मोहे होली में,
कहा छुपो गी राधे लाया ग्वाल बाल की टोली मैं,
छोडू ना तुमको होली में,
लेकर रंग गुलाल सखी रंग दिए श्याम ने गाल सखी,
मैं हु शर्म से लाल सखी छलिया से कुछ न बोली मैं,
रंग गयो श्याम मोहे होली में.....
हम होली खेलन आये है संग में पिचकारी लाये है,
पानी में रंग गुलवाए है ना करता हसी ठिथोरी मैं,
छोडू ना तुमको होली में,......
वो थानों मैं कमजोर सखी मेरो चलो नही कुछ जोर सखी,
तोहे क्या बतलाऊ और सखी मरी पिचकारी चोली में,
रंग गयो श्याम मोहे होली में...
ये भीमसैन ने माना है होली तो एक बहाना है,
आज जम के रंग लगाना है तेरी सूरत भोली भोली में,
छोडू ना तुमको होली में......
chupake se me pakad laai kaanha ne aakar poli me,
rang gayo shyaam mohe holi me
kaha chhupo gi radhe laaya gvaal baal ki toli main,
chhodoo na tumako holi me
lekar rang gulaal skhi rang die shyaam ne gaal skhi,
mainhu sharm se laal skhi chhaliya se kuchh n boli main,
rang gayo shyaam mohe holi me...
ham holi khelan aaye hai sang me pichakaari laaye hai,
paani me rang gulavaae hai na karata hasi thithori main,
chhodoo na tumako holi me,...
vo thaanon mainkamajor skhi mero chalo nahi kuchh jor skhi,
tohe kya batalaaoo aur skhi mari pichakaari choli me,
rang gayo shyaam mohe holi me...
ye bheemasain ne maana hai holi to ek bahaana hai,
aaj jam ke rang lagaana hai teri soorat bholi bholi me,
chhodoo na tumako holi me...
chupake se me pakad laai kaanha ne aakar poli me,
rang gayo shyaam mohe holi me