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साईं शरण में आओगे तो समझोगे यह बात,
रात के पीछे दिन आवे है, दिन के पीछे रात ।

साईं शरण में आओगे तो समझोगे यह बात,
रात के पीछे दिन आवे है, दिन के पीछे रात ।

कौन खिलाये फूल चमन में, क्यों मुरझाए फूल की पाती,
क्यों चमके है बन में दीपक, कौन बुझाए जलती बाती ।
साईं शरण में आओगे...


कौन बिछाए सुख का बिस्तर कौन ओढ़ाए दुःख की चादर,
क्यों होवे पत्थर की पूजा, कौन करे पत्थर को कंकर ।
साईं शरण में आओगे...

क्यों तूफ़ान से निकले कश्ती, क्यों मझदार में डूबे नैया,
क्यों साहिल आने से पहले टूटे है तकदीर का पहिया ।
साईं शरण में आओगे...

कौन करे झोली को खाली, कौन भरे है सीप में मोती,
क्यों दिन रात जलाए रखे आंधी में विशवास की ज्योति ।
साईं शरण में आओगे...

क्यों रुक जाए चलती धड़कन, कौन बहाए जीवन धारा,
कभी कभी छोटा सा तिनका क्यों बनता है एक सहारा ।



sai sharan me aaoge to samjhoge yeh baat raat ke peeche din aave hai din ke peeche raat

saaeen sharan me aaoge to samjhoge yah baat,
raat ke peechhe din aave hai, din ke peechhe raat


kaun khilaaye phool chaman me, kyon murjhaae phool ki paati,
kyon chamake hai ban me deepak, kaun bujhaae jalati baatee
saaeen sharan me aaoge...

kaun bichhaae sukh ka bistar kaun odahaae duhkh ki chaadar,
kyon hove patthar ki pooja, kaun kare patthar ko kankar
saaeen sharan me aaoge...

kyon toopahaan se nikale kashti, kyon mjhadaar me doobe naiya,
kyon saahil aane se pahale toote hai takadeer ka pahiyaa
saaeen sharan me aaoge...

kaun kare jholi ko khaali, kaun bhare hai seep me moti,
kyon din raat jalaae rkhe aandhi me vishavaas ki jyoti
saaeen sharan me aaoge...

kyon ruk jaae chalati dhadakan, kaun bahaae jeevan dhaara,
kbhi kbhi chhota sa tinaka kyon banata hai ek sahaaraa
saaeen sharan me aaoge...

saaeen sharan me aaoge to samjhoge yah baat,
raat ke peechhe din aave hai, din ke peechhe raat




sai sharan me aaoge to samjhoge yeh baat raat ke peeche din aave hai din ke peeche raat Lyrics





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