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सरस्वती माता का प्राता ध्यान धरे

सरस्वती माता का प्राता ध्यान धरे,
फिर हम अंतर् मन में अपने ज्ञान भरे.
कला विध्या सुर देने वाली देवी को,
रोज सुबह उठ कर के हम परनाम करे,

फूल बिना सुना जो सारा उपवन है,
बिन शिक्षा के अधूरा सारा जीवन है,
भटके न वो कभी भी अपनी राह से,
जोड़ता जो माता से आपने बंधन है,
विध्या धयानी हंस वाहनी की पूजा,
निश दिन मिल के हम सब सुबहो शाम करे,
सरस्वती माता का प्राता ध्यान धरे,

वीणा धारणी तेरा जिसको साथ मिले,
रोशन उनका सदा सदा घर द्वार रहे,
मन मंदिर में तेरा देवी जो वास हो,
बोली अपनी मीठी भाषा सुभाष हो,
वर ऐसा दो जब भी कुछ कहना चाहु,
मुख ये अपना माँ तेरा गुण गान करे,
सरस्वती माता का प्राता ध्यान धरे,



sarswati mata ka prata dhyan dhare

sarasvati maata ka praata dhayaan dhare,
phir ham antar man me apane gyaan bhare.
kala vidhaya sur dene vaali devi ko,
roj subah uth kar ke ham paranaam kare


phool bina suna jo saara upavan hai,
bin shiksha ke adhoora saara jeevan hai,
bhatake n vo kbhi bhi apani raah se,
jodata jo maata se aapane bandhan hai,
vidhaya dhayaani hans vaahani ki pooja,
nish din mil ke ham sab subaho shaam kare,
sarasvati maata ka praata dhayaan dhare

veena dhaarani tera jisako saath mile,
roshan unaka sada sada ghar dvaar rahe,
man mandir me tera devi jo vaas ho,
boli apani meethi bhaasha subhaash ho,
var aisa do jab bhi kuchh kahana chaahu,
mukh ye apana ma tera gun gaan kare,
sarasvati maata ka praata dhayaan dhare

sarasvati maata ka praata dhayaan dhare,
phir ham antar man me apane gyaan bhare.
kala vidhaya sur dene vaali devi ko,
roj subah uth kar ke ham paranaam kare




sarswati mata ka prata dhyan dhare Lyrics





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