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शिव सत्य रूपं शिव साकार है

शिव सत्य रूपं शिव साकार है,
बरम सव्र्रुपम शिव निरा कार है
शिव के दर्शन पायो भोला मेरे मन भायो

शिव है तुझमे शिव है मुझ में हर घर आँगन में
इस धरती से उस अम्बर तक श्रृष्टि के कण कण में
अधि से अंत तक शिव ही शिव है
शून्य से अनंत तक शिव ही शिव है
शिव के दर्शन पायो भोला मेरे मन भायो

भोले भंडारी की छवि न्यारी बसी है जन जन में
सर्प लपेटे भस्म लगाये शिव अपने तन में
सब देवो में सव से अलग है अपनी धुन में मस्त मलंग है
शिव के दर्शन पायो भोला मेरे मन भायो



shiv satay roop shiv sakar hai

shiv saty roopan shiv saakaar hai,
baram savrrupam shiv nira kaar hai
shiv ke darshan paayo bhola mere man bhaayo


shiv hai tujhame shiv hai mujh me har ghar aangan me
is dharati se us ambar tak shrrashti ke kan kan me
adhi se ant tak shiv hi shiv hai
shoony se anant tak shiv hi shiv hai
shiv ke darshan paayo bhola mere man bhaayo

bhole bhandaari ki chhavi nyaari basi hai jan jan me
sarp lapete bhasm lagaaye shiv apane tan me
sab devo me sav se alag hai apani dhun me mast malang hai
shiv ke darshan paayo bhola mere man bhaayo

shiv saty roopan shiv saakaar hai,
baram savrrupam shiv nira kaar hai
shiv ke darshan paayo bhola mere man bhaayo




shiv satay roop shiv sakar hai Lyrics





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